सरायकेला: नगर पंचायत सरायकेला में इन दिनों भारी भ्रष्टाचार का मामला गरमाता जा रहा है। नगर पंचायत के पूर्व उपाध्यक्ष मनोज कुमार चौधरी ने उपायुक्त सरायकेला-खरसावां को एक ज्ञापन सौंपते हुए नगर पंचायत के प्रशासक शेखर सुमन पर गंभीर आरोप लगाए हैं। उन्होंने प्रशासक पर कार्यालय में पद का दुरुपयोग कर अधीनस्थ कर्मियों से जबरन अनैतिक कार्य करवाने और आम जनता से भय दिखाकर शोषण करने का आरोप लगाया है।
पूर्व उपाध्यक्ष के अनुसार नगर विकास विभाग द्वारा कार्यालय क्षमता संवर्धन के लिए आवंटित ₹50 लाख की राशि का दुरुपयोग करते हुए भारी वित्तीय अनियमितता की गई है।
📌 क्या हैं आरोप?
₹5,000 की गोदरेज अलमारी को ₹50,000 में खरीदा गया।
₹80,000 मूल्यांकन वाले प्रिंटर को ₹4 लाख में खरीदा गया।
₹5,000 की रिवाल्विंग चेयर को ₹30,000 में खरीदा गया।
₹10,000 का सोफा ₹70,000 में खरीदा गया — जो कार्यालय में कहीं दिखा ही नहीं।
₹25,000 की दीवाल घड़ी खरीदी गई — पर उसका कोई अस्तित्व नहीं।
सिंटेक्स पानी टंकी, फ्रिज, इनवर्टर बैटरी, पंखे, टॉयलेट दरवाजे, एलसीडी, प्रोजेक्टर इत्यादि सभी सामान बाजार मूल्य से 2 से 10 गुना अधिक दाम में खरीदे गए।
पूर्व उपाध्यक्ष मनोज चौधरी ने कहा कि संवेदकों से मिलीभगत कर सरकारी राशि की खुली लूट की गई है, और प्रशासक शेखर सुमन के कार्यकाल में यह कार्यालय लगातार विवादों में रहा है।
वही पूर्व उपाध्यक्ष ने उपायुक्त से त्वरित जांच कर कठोर कार्रवाई करने की मांग की है और जांच पूरी होने तक प्रशासक को नगर पंचायत कार्यालय से दूर रखने का आग्रह किया है। उन्होंने कहा कि कर्मचारियों को भी भय के वातावरण में काम करना पड़ रहा है।
यह मामला सरायकेला नगर पंचायत में प्रशासनिक पारदर्शिता और जवाबदेही पर बड़ा सवाल खड़ा करता है। अब देखना यह होगा कि उपायुक्त इस मामले में क्या कदम उठाते हैं।
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