जेएमएम के जनाधार पर चंपई की नई पार्टी सेंधमारी कर पाएगी, यह भी भाजपा के लिए चिन्ता का विषय बना हुआ है
चंपई सोरेन की नई पार्टी में कितने विधायक और नेता शामिल होते हैं, यह एक बड़ा सवाल है
चाईबासा/संतोष वर्मा: कोलहान टाईगर चंपई सोरेन ने अपनी नई पार्टी बना कर भाजपा का मक़सद को किया कामयाब। भाजपा तो यही चाहती है कि झारखंडी मतदाताओं का बंटवारा। सुत्र बताते हैं कि चंपई सोरेन के आगे का सफर का स्क्रिप्ट भाजपा ने लिखा है।भाजपा ने ही चंपई सोरेन को पार्टी में शामिल कर लाभ और हानि का आकलन करने के बाद पार्टी में शामिल होने का फैसला को बदलने और दूसरा अध्याय नई पार्टी बना कर शुरू करने का टास्क दिया है, ताकि चंपई सोरेन नई पार्टी के माध्यम से जेएमएम को राजनितिक नुकसान हो और जेएमएम के वोट बैंक में सेंधमारी किया जा सके।
भाजपा यह बात जान रही है कि भाजपा के प्लेटफाम से जेएमएम को नुक्सान नहीं पहुंचा सकतें हैं चंपई सोरेन। ऐसे तो पहले भी कृष्णा मार्डी जेएमएम से बगावत कर एकीकृत बिहार में नई पार्टी, नई गुट बना कर झारखंड में शेडो सीएम की भूमिका निभा चुके हैं, लेकिन आज वे राजनितिक गलियारे में कहां खड़े हैं, बिहार में जनता दल सरकार को समर्थन दिया था, लालू प्रसाद यादव के राइट हैंड बनकर झारखंड में अप्रत्यक्ष रुप से सीएम थे।
आज वही स्थिति पैदा हुई है लेकिन कृष्णा मार्डि की तरह वर्तमान समय में चंपई सोरेन के पास विधायक नहीं है और न ही राजनितिक ताकत नज़र आ रही है। होने वाले विधानसभा चुनाव में जेएमएम के बागी चंपई सोरेन की नई पार्टी की ओर रुख कर सकती है। ईसाई और आदिवासी नेता जिसे जेएमएम टिकट नहीं मिलेगा, वैसे नेता चंपई सोरेन के साथ जाना चाहेगें।
खैर मामला जो भी हो लेकिन छोटे से कार्यकाल में चंपाई सोरेन अपनी छाप छोड़ गए जिसे झारखंड के लोगों की जुबान पर है।वैसै भी जल जंगल और जमीन की लड़ाई से उभराकर राजनितिक पकड़ बनाया है चंपाई दा जिसे कम आकना भी......
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