बिल किसी का जीएसटी किसी और का भुगतान किसी और को
चक्रधरपुर में शिक्षा विभाग कौन है चक्रवर्ती जो चंदन मिश्रा को कर रहा भूगतान
इतना ही नहीं अब तो अपना चचेरा भाई के नाम पर भी खोल दिया फार्म
जिले के कस्तूरबा विद्यालयों में नहीं हो रहा टेंड़र, हो रही है लूट
चाईबासा/संतोष वर्मा: कहते है बड़े मिंया तो बड़े मिंया छोटे भी सुभान अल्लाह यह सून कर थोड़ा अटपटा से लगेगा, लेकिन यह शब्द चरिर्थाथ होता है, जिला के शिक्षा विभाग पर जहां जिला से लेकर प्रखंड के बीआरसी हो या प्रखंड प्रसार शिक्षा पदाधिकारी या फिर....?
जिला शिक्षा विभाग में सरकारी रूपया या डीएमएफटी फण्ड से मिले राशी का लूट मचा हुआ है चाहे रंगाई पोताई के नाम पर सामानों की खरिददारी के नाम फर्जी वाड़ा बिल का भूगतान कर. लेकिन इस मामले पर कोई बोलने वाला नहीं और ना देखने वाला. अब तो चर्चा यह भी हो रही है विभाग में पुरा सिस्टम क्रप्ट हो गया मंत्रालय से लेकर सचिवालय तक.
फर्जी वाड़ा कर बिल भूगतान करने के मामला में पश्चिमी सिंहभूम जिला के शिक्षा विभाग का मुख्पालर चाईबासा में एक अग्रवाला को फर्जी बिल का भुगतान करने का मामला पहले से ही चल रहा है, आखिर अग्रवाल से जिला के शिक्षा विभाग का पदाधिकारी द्वारा स्कूलों में हेडमास्टरों पर भूगतान करने का दबाब देने की खबर है. वहीं दुसरी ओर पश्चिमी सिंहभूम जिले के कस्तूरबा गांधी बालिका आवासिय विद्यालयों में बगैर टेंडर के ही चल रही है खिरददारी खाद्यय सामाग्री से लेकर फल, स्टेशनरी और मंशाहारी सामानों का अनाब सामाब दामों पर.
इसी मामले में एक और नया मामला आ गया फर्जी वाड़ा का चक्रधरपुर अनुमंडल मुख्यालय के बीआरसी में यहां के बीआरसी और बीईओ के सांठ गांठ से फर्जी विल का भुगतान किये जाने का मामला. मजे की बात यह है बिल किसी का और जीएसटी किसी और का भूगतान किसी और को किया जा रहा है. यह मामला चक्ररपुर अनुमंडल के चक्रधरपुर प्रखंड में शिक्षा विभाग का है जहां बीआरसी चक्रवर्ती और बीईओ के सांठ गांठ का से फर्जी वाड़ा किये जानें का है.
मिश्रा स्टोर के नाम पर बिल दिया गया और जीएसटी मिश्रा स्टोर के नाम पर नहीं देकर न्यू बिहार बूक स्टोर रमेश नाथ मिश्रा के नाम पर जीएसटी दिया गया तथा भूगतान एचडीएफसी बैंक में चंदन मिश्रा को किया गया है फर्जी रूप से किया गया. अब रूपये की लूट के लिए बीआरसी चक्रवर्ती के द्वारा अपने चचेरा भाई के नाम पर फार्म नवंबर में खोले जाने की चर्चा है.
वहीं बीईओ प्रखंड शिक्षा प्रसार पदाधिकारी के छोटा छोटा बिल का भी बड़े पैमाने पर भूगतान कर करोड़ों रूपये की निकासी किया जाने का भी मामला सामने आया है. यदी इस मामले की जांच हुई तो शिक्षा विभाग में एक बड़ा घोटाले यानी चारा घोटाला से कम नहीं निकलेगी.