व्यवहार न्यायालय के अधिवक्ताओं और अधिवक्ता लिपिकों को दिया गया ई फाइलिंग और डिजिटल कार्य का प्रशिक्षण
ई— कोर्ट फाइलिंग प्रक्रिया का प्रशिक्षण अधिवक्ताओं को तकनीकी रूप से अद्यतन और समृद्ध बनाने की दिशा में मील का पत्थर साबित होगा – जिला ज़ज
संतोष वर्मा
Chaibasaःई कमेटी सुप्रीम कोर्ट, नई दिल्ली के निर्देशानुसार और झारखंड न्यायिक अकादमी रांची एवं प्रधान जिला एवं सत्र न्यायाधीश, पश्चिमी सिंहभूम मौहम्मद शाकिर के मार्गदर्शन में रविवार को व्यवहार न्यायालय चाईबासा एवं अनुमंडल न्यायालय चक्रधरपुर के अधिवक्ताओं और अधिवक्ता लिपिकों के लिए एक दिवसीय ई कोर्ट फाइलिंग, वर्चुअल कोर्ट की प्रक्रिया और उसके सुचारू संचालन का प्रशिक्षण प्रदान किया गया। इस मौके पर मुख्य अतिथि प्रधान जिला एवं सत्र न्यायाधीश मौहम्मद शाकिर ने कहा कि यह प्रशिक्षण अधिवक्ताओं को तकनीकी रूप से अद्यतन और समृद्ध बनाने की दिशा में मील का पत्थर साबित होगा। यह प्रशिक्षण वर्तमान परिवेश में जहां एक ओर तकनीकी ज्ञान को बढावा देगा, तो दूसरी ओर ई-कोर्ट फाइलिंग की प्रक्रिया को नवीन गति प्रदान करेगा। उन्होंने बताया कि ई कोर्ट के माध्यम से केस की स्थिति, संख्या सहित केस से संबंधित सभी प्रकार की जानकारी आसानी से उपलब्ध हो सकेगी, उन्होंने कहा कि पूर्व में केस फाईलिंग होने के बाद लोगों को केस की स्थिति की जानकारी नहीं हो पाती थी लेकिन अब लोग अपने मामलों के बारे में ई कोर्ट के माध्यम से स्वयं पता कर सकते हैं,उन्होंने प्रशिक्षणरत अधिवक्ताओं, अधिवक्ता लिपिकों के उज्ज्वल भविष्य की कामना करते हुए उन्हें बधाई दी। उन्होंने कहा कि न्यायिक अकादमी झारखंड रांची के निर्देशन में समय- समय पर ई कोर्ट फाइलिंग को बढावा देने के उद्देश्य से इस प्रकार के प्रशिक्षण का आयोजन किया जाता रहा है। जिला अधिवक्ता संघ के सचिव अगस्टिन कुल्लू ने कहा कि अधिवक्ताओं के तकनीकी ज्ञान को विकसित करने के उद्देश्य से इस प्रकार का प्रशिक्षण काफी लाभकारी साबित होगा। प्रशिक्षण में बतौर मुख्य प्रशिक्षक अधिवक्ता अजित विश्वकर्मा ने अहम भूमिका निभाई।मौके पर प्रधान न्यायाधीश कुटुंब न्यायालय योगेश्वर मणि, मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी अक्षत श्रीवास्तव, सचिव, जिला विधिक सेवा प्राधिकार रवि चौधरी, निबंधक सह अनुमंडल न्यायिक दंडाधिकारी सदर, सुप्रिया रानी तिग्गा, अधिवक्ता संघ के उपाध्यक्ष कैसर परवेज सहित न्यायालय कर्मी, अधिवक्तागण और अधिवक्ता लिपिक मौजूद थे.