अंगीभूत कॉलेजों में इंटरमीडिएट बंद करने की आक्रोश में राज्य स्तरीय आंदोलन की तैयारी के लिए छात्र संघ ने किया प्रेस वार्ता
कहा शिक्षा से वंचित करना छात्रों के भविष्य के साथ खिलवाड़: छात्र संघ
Chaibasaः अंगीभूत कॉलेजों में इंटरमीडिएट बंद करने की आक्रोश में राज्य स्तरीय आंदोलन की तैयारी के लिए छात्र संघ ने किया प्रेस वार्ता करते हुए कहा शिक्षा से वंचित करना छात्रों के भविष्य के साथ खिलवाड़ है। छात्र नेता सह झामुमो छात्र मोर्चा जिला अध्यक्ष सनातन पिंगुवा ने कहा की छात्रों का मौलिक अधिकारों को छीनना कतई बर्दाश्त नहीं।
पश्चिमी जिला में मात्र तीन प्लस टू कॉलेज है जो की वहां पड़े विद्यार्थियों को ही को नामांकन में प्राथमिकता मिलता है।ऐसे में टाटा कॉलेज, महिला कॉलेज, और कॉमर्स कॉलेज एवं ग्रामीण गांव क्षेत्र से अध्ययन करके आते हैं ऐसे विद्यार्थियों को नामांकन से वंचित कहां का न्याय है।ग्रामीण क्षेत्र के हजारों छात्र-छात्राएं इस समय शिक्षा से वंचित हो रहे हैं क्योंकि उनके निकटवर्ती सरकारी महाविद्यालय एवं इंटरमीडिएट की पढ़ाई बंद कर दी गई है।गरीब व मध्यमवर्गीय परिवारों के छात्र प्राइवेट संस्थानों की भारी फीस वहन नहीं कर सकते।यह निर्णय न केवल छात्रों के भविष्य को अंधकार में धकेल रहा है, बल्कि संविधान द्वारा प्रदत्त शिक्षा के अधिकार का भी उल्लंघन है।सनातन पिंगुवा ने कहा छात्र-छात्राओं और अभिभावकों में भारी आक्रोश है सरकार से मांग करता हूं तत्काल कॉलेजों में इंटर की पढ़ाई को पुनः शुरू किया जाए।
टाटा कॉलेज छात्र संघ के पूर्व सचिव पिपुन बारीक ने कहाराज्य के अंगीभूत महाविद्यालयों में इंटरमीडिएट की पढ़ाई बंद की जाने से छात्र-छात्राओं को मानसिक प्रताड़ना से जूझना पड़ रहा है एवं छात्र-छात्राओं के अभिभावकों को भी इसका गहरा प्रभाव पड़ा है। जल्द ही सरकार द्वारा इस समस्या को लेकर कोई सकारात्मक निर्णय नहीं लेती है तो छात्र संघ आगामी दिनों में राज्य स्तरीय अनिश्चितकालीन आंदोलन करेगी।छात्र नेता सह झामुमो जिला युवा मोर्चा सचिव मंजीत हंसदा ने कहा की केंद्रीय शिक्षा नीति 2020 का नियम के अनुसार राज्यपाल एवं माननीय उच्च न्यायालय झारखंड रांची द्वारा जारी नोटिफिकेशन खिलाफ है क्योंकि जिला में छात्रों के पर्याप्त इंटर कॉलेज नहीं बनी है.इंटरमीडिएट की पढ़ाई बंद किए जाने के निर्णय का कड़ा विरोध करते है। मंजीत हंसदा ने कहा छात्रों के बीच जाकर इस मुद्दे को लेकर जागरूकता फैलाए और कहा कि यह निर्णय ग्रामीण एवं गरीब छात्रों के भविष्य से खिलवाड़ है।मंजीत हंसदा ने चेतावनी दी कि यदि सरकार द्वारा पढ़ाई पुनः शुरू नहीं की गई, तो छात्र आंदोलन करने को विवश होंगे। उन्होंने राज्य सरकार से मांग की है कि शिक्षा से कोई भी वंचित न हो, इसके लिए जल्द से जल्द समाधान निकाला जाए।