Chaibasa: हेमंत सरकार पर बड़ा हमला, झारखण्ड में आबुवा नहीं बाबुवा सरकार: सुनिल सिरका


गुरुजी का सपना नशा मुक्त झारखंड बनाना था, लेकिन हेमंत सोरेन की सरकार ने झारखण्ड को बर्बाद कर दिया

हाटगम्हरिया प्रखण्ड के ग्राम रक्षा समिति लुपुंगपी द्वारा छाता पर्व के अवसर पर आयोजित फुटबॉल प्रतियोगिता के समापन कार्यक्रम पर झारखण्ड अंदोलनकारी सह झामुमो के पूर्व केन्द्रीय सदस्य सुनील सिरका पहूंचे बतौर मुख्य अतिथि के रूप में

हेमंत सोरेन ने संघर्ष यात्रा के दौरान जिले के आदिवासी-मूलवासियों से ईचा डैम को रद्द करने का वादा किया था लेकिन आज भूल गया

 

चाईबासा: गुरुजी का सपना नशा मुक्त झारखंड बनाना था, लेकिन हेमंत सोरेन की सरकार ने झारखण्ड को बर्बाद कर दिया। झारखंड सरकार शराब नीति लाकर झारखंड को बर्बाद करना चाहती है। झारखंड में आबुआ सरकार नहीं बाबुवा सरकार है। झारखंड सरकार में हेमंत सोरेन एक आदिवासी मुखौटा है, पीछे से सब यूपी-बिहार वाले झारखंड की सरकार को चला रहे हैं। ये बातें हाटगम्हरिया प्रखण्ड के ग्राम रक्षा समिति लुपुंगपी द्वारा छाता पर्व के अवसर पर आयोजित फुटबॉल प्रतियोगिता के समापन कार्यक्रम पर झारखण्ड अंदोलनकारी सह झामुमो के पूर्व केन्द्रीय सदस्य सुनील सिरका ने बड़ा हमला करते हुए कहा। उन्होंने खिलाड़ियों को संबोधित करते हुए कहा कि आप हमेशा नशा से दूर रहें मेहनत करें एक न एक दिन आपकी मेहनत से मंजिल अवश्य मिलेगी  हेमंत सोरेन की सरकार से आपका भला होने वाला नहीं है।

यह सरकार पूरी तरह से पूंजीपतियों हाथों बिक चुकी है। उन्होंने कहा कि झारखंड सरकार हमारी जिला को बर्बाद करना चाहती है। गाँव-गाँव में युवा पीढ़ी गांजा -ब्राउन शुगर जैसे नशाखोरी के शिकार है। आज हमारा जिला मैट्रिक के रिजल्ट में 24 वें नंबर पर है यानी अंतिम पायदान पर है। झारखंड सरकार नहीं चाहती है कि पश्चिमी सिंहभूम के बच्चे शिक्षित हों। यहाँ के लोग अशिक्षित होगें तभी तो इस जिला का दोहन किया जा सकेगा। क्योंकि शिक्षा सवाल पैदा करती है।

                 किया हुआ तेरा वायदा?

हेमंत सोरेन ने संघर्ष यात्रा के दौरान यहाँ के आदिवासी-मूलवासियों से ईचा डैम को रद्द करने का वादा किया था, उसे रद्द करने की तो दूर की बात है, फिर से पूंजीपतियों के लिए टीएसी की बैठक में डैम बनाने का प्रस्ताव को पारित कर यहाँ की जनताओं के साथ धोखाधड़ी की है। उन्होंने लोगों से कहा कि आबुवा - आबुवा के चक्कर में अंधभक्त न बने, अन्यथा वह दिन दूर नहीं जब टाटा, बोकारो, चांडिल के विस्थापितों के जैसे हमें भी विस्थापित होने से कोई नहीं बचा सकता।

इस अवसर पर वीर सिंह तामसोय, सतीश सिरका, आलोक कुमार बिरूली, शंकर मुन्दुईया, सुदर्शन गोप, कृपाल गागराई, बुधन सिंह कोड़ा, प्रदीप गागराई, कैप्टन पिंगुवा, सहित काफी संख्या में खिलाड़ी एवं ग्रामीण मौजूद थे।

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