सदर चाईबासा अंतर्गत हरिला पंचायत के स्वास्थ्य उपकेंद्र सिंघपोखरिया के सेंटीनेंटल ग्राम सिंघपोखरिया में फाइलेरिया रोग के परजीवी वुचेरेरिया बैनक्रॉफ्टी" या "बैनक्रॉफ्टियन फाइलेरिया" के संचरण की स्थिति के पता लगाने हेतु रात्रि 8:00 बजे रात्रि रक्त पट संग्रह कार्यक्रम का किया उदघाटन

सदर चाईबासा अंतर्गत हरिला पंचायत के स्वास्थ्य उपकेंद्र सिंघपोखरिया के सेंटीनेंटल ग्राम सिंघपोखरिया में फाइलेरिया रोग के परजीवी वुचेरेरिया बैनक्रॉफ्टी" या "बैनक्रॉफ्टियन फाइलेरिया" के संचरण की स्थिति के पता लगाने हेतु रात्रि 8:00 बजे रात्रि रक्त पट संग्रह कार्यक्रम का किया उदघाटन

संतोष वर्मा

Chaibasaःसदर चाईबासा अंतर्गत हरिला पंचायत के स्वास्थ्य उपकेंद्र सिंघपोखरिया के सेंटीनेंटल ग्राम सिंघपोखरिया में फाइलेरिया रोग के परजीवी वुचेरेरिया बैनक्रॉफ्टी" या "बैनक्रॉफ्टियन फाइलेरिया" के संचरण की स्थिति के पता लगाने हेतु रात्रि 8:00 बजे रात्रि रक्त पट संग्रह कार्यक्रम के सफलता हेतु ग्राम के सामुदायिक भवन परिसर में जिला के सिविल सर्जन डॉ सुशांतो माझी , प्रथम चिकित्सा पदाधिकारी सह  जिला अधीक्षक डॉ शिव चरण हसदा एवं ग्राम मुंडा दीपू सवैया द्वारा संयुक्त रूप से  फीता काट कर तथा ग्राम मुंडा द्वारा रक्त नमूना दे कर उद्घाटन किया गया।

इस मौके पर सिविल सर्जन द्वारा उपस्थित ग्रामवासियों को संबोधित करते हुए बताया कि फाइलेरिया जैसे घातक रोग से   बचाव हेतु रात्रि रक्त पट संग्रह एक प्रमुख घटक है। आज के इस विशेष सर्वे में 20 वर्ष या इससे अधिक आयु के कुल 300 लोगों का रक्त नमूना लिया जाएगा, माइक्रोस्कोपिक जांचोपरांत जिन लोगों के रक्त में माइक्रोफाइलेरिया के कीटाणु मिलेंगे उनका त्वरित प्रोफाइलेक्टिक उपचार सुनिश्चित किया जाएगा ताकि धनात्मक पाए गए रोगियों को भविष्य में फाइलेरिया के कारण अपंगता से बचाया जा सके साथ ही इनके द्वारा परिवार अथवा समुदाय के दूसरे स्वास्थ्य लोगों में इसके संचरण पर अंकुश लगाया जा सके।

उन्होंने कहा कि जिले के सभी 15 प्रखंडों में चिन्हित कुल 30 ग्रामों में रात्रि रक्त पट संग्रह कार्यक्रम 10 जून तक पूर्ण किया जाना है।डॉक्टर शिव चरण हसदा ने ग्राम के मुंडा, मुखिया, वार्ड सदस्य आदि से सहयोग की अपील किया।अहसन फारूक (वेक्टर बॉर्न डिजीजेज तकनीकी पर्यवेक्षक) ने बताया कि माइक्रोफिलेरिया मानव शरीर के बाहरी रक्त प्रणाली में रात में ही आते हैं इसलिए रात में सोए हुए व्यक्तियों का रक्त नमूना संग्रह किया जाता है।इस कार्यक्रम में कुल 16 स्वास्थ्य कर्मियों और लैब टेक्नीशियन द्वारा चार टीमों में ग्राम के चार टोलों में सर्वे किया जाएगा प्रत्येक टीम में ग्राम की स्वास्थ्य सहिया, सेविका, वार्ड सदस्य साथ रहेंगे तथा प्रत्येक टीम के लिए एक सुपरवाइजर चिन्हित हैं।ग्राम मुंडा दीपू सवैया ने पूर्ण सहयोग करने तथा स्वयं टीम के साथ सम्मिलित हो कर कार्य करने की इच्छा जताई।

इस मौके पर शशि भूषण महतो ( ज़िला भी बी डी सलाहकार), पीरामल संस्था के सुरजीत गोयल ( जिला कॉर्डिनेटर ), तथा स्वास्थ्य कर्मी रेणु सुमित कांगड़ी ( सी एच वो), प्रतिभा तिग्गा ( ए एन एम), सुचिता कुमारी ( एल टी), रजनीश पूर्ति, दीपक कुमार, धनंजय हेंब्रम, विजय मरांडी, अंजिशन प्रकाश, मधुसूदन बानरा, बीभनेश सरदार, साईंबा मुर्मू, चितरंजन सिंह देव, मंगल सिंह, प्रकाश कोणडंकल, सहिया नीलम सवैया, डाकूवा तथा अधिक संख्या में ग्रामीण उपस्थित थे।

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