विधायक निरल पुरती को अल्पसंख्यक की उपाधि कब देगी झामुमो ? बिर सिंह बिरुली

विधायक निरल पुरती को अल्पसंख्यक की उपाधि कब देगी झामुमो ? बिर सिंह बिरुली

Chaibasa  ःअनुसूचित जाति/अनुसूचित जनजाति संगठनों का अखिल भारतीय परिसंघ पश्चिमी सिंहभूम के सचिव बिर सिंह बिरुली ने झामुमो जिला समिति द्वारा अल्पसंख्यक मोर्चा पश्चिम सिंहभूम जिला समिति गठित समिति पर सवाल उठाते हुए तंज कसा कि झामुमो धर्मांतरित आदिवासियों के साथ दोहरा नीति अपना रही है। नव गठित अल्पसंख्यक समिति के सचिव रघुनाथ तियु और कोषाध्यक्ष निर्दोष बोदरा दोनों धर्मांतरित आदिवासी है। इन्होंने पूर्व में जाति-हो आदिवासी और सरना धर्म को त्याग कर जाति और धर्म ईसाई में परिवर्तित हो चुके है। यानी अब धर्मांतरित हो आदिवासी नहीं हो कर ईसाई (अल्पसंख्यक) बन गए है। और अनुसूचित जनजाति के लाभ से वंचित हो कर अल्पसंख्यक लाभ के हकदार हो गए। यदि झामुमो इसको सही मानते हुए और स्वीकार कर जिला अल्पसंख्यक समिति विस्तार कर रही है। तो झामुमो जिला समिति के द्वारा विधायक निरल पुरती को अल्पसंख्यक की उपाधि कब दी जाएगी ? क्योंकि निरल पुरती पूर्वजों के काल में हो आदिवासी जाति और धर्म से धर्मांतरित हो कर ईसाई जाति एवं धर्म अपना कर अल्पसंख्यक हो चुके हैं । पार्टी मूल जाति,धर्म को छोड़ कर ईसाई धरलंबियों को अल्पसंख्यक मानती है। तो फिर माननीयों के साथ दोहरा चरित्र क्यों अपना रही है। और अनुसूचित जनजातियों का हकमारी कर रहे है। ऐसे में विधायक निरल पुरती को नैतिकता के आधार पर अपने विधायक पद से इस्तीफा दे देना चाहिए। विगत चार बार से  आरक्षित सीट आदिवासी से जीत कर अल्पसंख्यक हो कर आदिवासी का दोहरा लाभ ले रहे है। झामुमो में और भी कई धर्मांतरित माननीय है जिनका पार्टी को संज्ञान लेते हुए कार्रवाई करनी चाहिए। ताकि  अनुसूचित जनजाति के साथ न्याय हो सके। संविधान और सामाजिक न्याय की भावना से अनुसार एक व्यक्ति एक ही पहचान से लाभ ले सकता है। ऐसे में दोनों आरक्षण व्यवस्था का लाभ लेना अनैतिक और असंवैधानिक है। ज्ञात हो कि झारखंड मुक्ति मोर्चा जिला समिति के पत्र (पत्रांक संख्या 22-2025/JMM/West Singhbhum, दिनांक 07/06/2025) द्वारा प्राप्त अनुशंसा के आलोक में विस्तार करते हुए जिला पश्चिमी सिंहभूम अंतर्गत पार्टी के वर्ग संगठन के जिला समिति का गठन किया।

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