राजेश रजक की कार्यशैली से मंत्री दीपिका पाण्डेय की छवि पर सवाल खड़े किए जाने लगे हैं..
विभागीय सचिव के नजदीकी के रूप में पहचान बना कर राजेश रजक भ्रष्टाचार की सीमा पार कर ली है...
चाईबासा: ग्रामिण कार्य विभाग में अभियंता प्रमुख के सेवा निवृत्त के बाद टेंडर कमिटी के द्वारा जितनी भी टेंडर डिसाइड की गई है, सब जांच के घेरे में आ सकती है। राजेश रजक के टेंडर मैनेज करने और कमिशन वसूली की चर्चा से मंत्री दीपिका पाण्डेय केन्द्रीय जांच एजेंसी के नज़रों पर है।अभियंता प्रमुख का कार्यालय में कार्यरत श्री टोप्पो राजेश रजक के राइट हैंड बन कर अरबों के टेंडर मैनेज का खेल को अंजाम तक पहुंचाया है।
अभियंता प्रमुख कार्यालय में टेंडर खुलने और टेक्निकल पास करने के बाद समय पर फाइनेंसियल नहीं खोला जाना कमिशन वसूली की चर्चा को सत्यापित करती है। माननीय उच्च न्यायालय में राजेश रजक के साथ साथ ग्रामीण विकास विशेष के मुख्य अभियंता अवधेश कुमार और ग्रामीण कार्य विभाग के मुख्य अभियंता सरवन कुमार पर केस दर्ज होने के बाद विभाग सकते में।