झारखंड के दो और मंत्रियों के ईडी के समन से झारखंड के गरमाई राजनीति, हलचले हुई तेज! क्या चुनाव बाद झारखंड की राजनीतिक तस्वीर बदलने वाली है, को लेकर, हो रही है तरह- तरह की चर्चाएं


रांची : इन दिनों झारखंड की राजनीतिक हलचलें बढ़ती जा रही है। लगातार हो रही ED की कार्रवाई से झारखंड की राजनीतिक एवं प्रशासनिक गलियारों की तापमान बढ़ती जा रही है। झारखंड में विगत कुछ वर्षों से ईडी की कार्रवाई लगातार चल रही है। जिससे राज्य के प्रशासनिक अधिकारी से लेकर राजनीतिक दलों तक मे कोहराम मचा हुआ है। मंत्री से लेकर संत्री तक बेचैन रह रहे हैं। ईडी की कार्रवाई में, आईएएस और यहां तक की पूर्व मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन भी सलाखों के पीछे हैं। एक बार फिर झारखंड में ईडी की कार्रवाई तेज हो गई है।

गिरफ्तार ग्रामीण विकास मंत्री आलमगीर आलम की और मिली 5 दिन के ईडी के रिमांड के बाद, और सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार झारखंड सरकार के दो मंत्री, बादल पत्र लेख और हफीजुल हसन को ईडी समन भेज कर 25 मई को उन्हें पूछताछ के लिए ईडी कार्यालय बुलाया गया है। वही आईएएस अधिकारी ग्रामीण विकास विभाग के पूर्व सचिव मनीष रंजन को ईडी द्वारा 24 मई को कार्यालय में समन भेज कर पूछताछ के लिए बुलाया है। जिससे पूरे झारखंड के राजनीतिक एवं प्रशासनिक गलियारों में हड़कंप मचा हुआ है। बता दें कि बादल पत्रलेख झारखंड सरकार में वर्तमान में कृषि मंत्री हैं। वह ज़रमुंडी निर्वाचन क्षेत्र के वर्तमान विधायक हैं।

वहीं हफीजुल हसन वर्तमान झारखंड सरकार में कैबिनेट मंत्री और मधुपुर झारखंड से विधायक हैं। ईडी की कार्रवाई से पूरे झारखंड मे मानो भूचाल सा आ गया है। राजनीतिक हलचलें तेज हो गई है। तरह-तरह के अटकलें लगाया जा रहा है। कहा जा रहा है कि क्या झारखंड मे, चुनाव बाद झारखंड की राजनीतिक तस्वीर बदलने वाली है । ऐसी तरह-तरह की चर्चाएं चौक चौराहे पर चल रही है। देखना अब यह है कि आने वाले वक्त में ईडी की कार्रवाई से झारखंड की राजनीति पर क्या असर पड़ता है। यह तो आने वाला वक्त ही बताएगा।

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