अवधेश कुमार से अधिक योग्य अभियंता नहीं है, जिसके कारण विभाग अवधेश कुमार को सभी पदों पर प्रभारी बना रहे हैं
विभागीय मंत्री इरफ़ान अंसारी पुनः पूर्व मंत्री आलमगीर आलम की तरह नियम शिथिल कर किसी स्वार्थ सिद्धि के लिए गलत कार्य करेंगें?
चाईबासा/संतोष वर्मा: ग्रामीण कार्य विभाग के प्रभारी मुख्य अभियंता हो सकतें हैं अवधेश कुमार। राम प्यारे प्रसाद को भवन निर्माण विभाग का अभियंता प्रमुख बना दिए जाने से पद हुआ खाली। बिरेंद्र राम भी ग्रामीण कार्य विभाग के प्रभारी मुख्य अभियंता थें, जबकि यह पद पथ निर्माण विभाग संवर्ग के अभियंता को ही दिया जाना है, ईडी की कारवाई में यह बात पर चर्चा अन्य विभाग में जोरों पर थी,आज पुनः अवधेश फिर जेल में बंद पूर्व मुख्य अभियंता बिरेंद्र राम की याद में अवधेश कुमार तैयार बैठें हैं प्रभारी मुख्य अभियंता बनने के लिए।लेकिन सुत्र बताते हैं कि विभागीय मंत्री इरफ़ान अंसारी पुनः पूर्व मंत्री आलमगीर आलम की तरह नियम शिथिल कर किसी स्वार्थ सिद्धि के लिए गलत कार्य करेंगें या नहीं यह सवाल खड़ा हो गया है। पूर्व में जिस तरह जल संसाधन विभाग एवं ग्रामीण कार्य विभाग को बिरेंद्र राम अपनी ऊंची पहुंच और पैरवी के साथ साथ धन बल से अपने इच्छानुसार चलाते थे, दोनो विभाग के मंत्री को अपने पॉकेट में रखते थे,आज वही स्थिति अवधेश कुमार ने कर डाला।
आज अवधेश कुमार को रेगुलर मुख्य अभियंता बनाने के लिए विभाग रोस्टर रजिस्टर कार्मिक विभाग को भेजा है। कार्मिक विभाग में एसटी कोटा में आदिवासी अभियंता को अवधेश कुमार से जूनियर किया जा रहा है। एससी कोटा में अवधेश कुमार को विशेष रूप से रेगुलर मुख्य अभियंता बनाने की कोशिश मुख्यमंत्री तक सेटिंग गेटिंग किया जा रहा है, ऐसा लगता है कि अवधेश कुमार के नाम पर ग्रामीण कार्य विभाग में ग्रामीण विकास विशेष में मुख्य अभियंता पद को सेवा निवृत होने तक सरकार रजिस्टर्ड करने वाली है,या यूं कहा जा सकता है कि जल संसाधन विभाग ने सेवा निवृत्ति होने तक ग्रामीण कार्य विभाग को अवधेश कुमार के नाम और पद को रजिस्टर्ड करने जा रही है। सूत्रों से प्राप्त जानकारी अनुसार आय से अधिक सम्पत्ति अर्जित किए जाने का मामला प्रकाश में आने के बाद अवधेश कुमार अपने बेनामी चल अचल सम्पत्ति को बचाने के लिए अपने परिवार के लोग के साथ साथ ससुराल वालों को भी लगा दिया है।
सूत्रों के अनुसार दिल्ली, बिहार, बंगलोर, यूपी में टेंडर मैनेज के करोड़ो राशि से प्रॉपर्टी लेने की सूचना प्राप्त हो रही है, जिसकी जांच केंद्रीय एजेंसी से कराने की मांग उठ रही है।
अवधेश कुमार के बढ़ते प्रभाव से एसटी कोटा और जनरल कोटे के अभियंता का हक भी मारा जा रहा है, सरकार भी अवधेश कुमार के चका चौंध में मग्न हैं। अवधेश कुमार को कैश कांड के आरोपी जेल में बंद संजीव कुमार लाल की मेहरबानी ने बड़ा बना दिया है। बिरेंद्र राम के जेल जाने के बाद संजीव कुमार लाल के टीम के हेड थें अवधेश कुमार। दबंग माफिया ठिकेदार के साथ साथ माफिया अभियंता का सिंडिकेट अवधेश कुमार को प्रभारी मुख्य अभियंता बनाने में जुटी। सरकार और विभाग दोनो नत्मस्तक है अवधेश कुमार के आगे। अवधेश कुमार से अधिक योग्य अभियंता नहीं है, जिसके कारण विभाग अवधेश कुमार को सभी पदों पर प्रभारी बना रहे हैं।