राजनितिक पार्टी में नेता अपने से ज्यादा अपने राइट हैंड यानी खास और करीबी के लिए कुर्बान हो रहें हैं


JHARKHAND/संतोष वर्मा: राजनितिक पार्टी में नेता अपने से ज्यादा अपने राइट हैंड यानी खास और करीबी के लिए कुर्बान हो रहें हैं। हां यह बात इस लिए की जा रही है कि जो घटना झारखंड में चर्चा का बाज़ार को गरम कर रखा है, यानी कि चंपई सोरेन का जेएमएम से मोह भंग होने,चाहे वो अपमान का बहाना हो या पार्टी में अहमियत नहीं मिलना, यह सब बाहर से दिखाया जाता है, दरअसल सभी मुख्यमंत्री को अपने नजदीकी और राजदार, करीबियों के कारण चर्चा में रहना पड़ता है, यहां तक कि भ्रष्टचार में लिप्त होने का भी कारण बनते हैं, जेल तक का सफर तय करना पड़ता है।

इस का उदहारण पूर्व मुख्यमंत्री मधु कोड़ा के करीबी बिनोद सिन्हा हैं, मुख्यमंत्री हेमन्त सोरेन के खास करीबी अभिषेक श्रीवास्तव उर्फ पिंटू है। आज उसी प्रकार पूर्व मुख्यमंत्री चंपई सोरेन का भी है, जिसे पर्दे में रखा गया है, चंपई सोरेन के करीबी चंचल गोस्वामी भी पिंटू और बिनोद सिन्हा की तरह सत्ता चलाने का काम कर रहे थे।

सूत्रों की माने तोचंपई सोरेन के परिवहन मंत्री के कार्यकाल और मुख्यमंत्री के समय में चंचल गोस्वामी के द्वारा चल अचल सम्पत्ति अर्जित किए जाने का मामला को भाजपा उजागर करने वाली थी, जिसके डर से चंचल गोस्वामी अपने पाए हुए धन सम्पत्ति को बचाने के लिए चंपई सोरेन को भाजपा के साथ जाने का मन बनाया गया।भाजपा के दोनो हाथ में लड्डू है। आदित्यपुर और गमहरिया में रीयल एस्टेट में चंचल का इन्वेस्टमेंट किए जाने की चर्चा है, जिसकी जांच पर अब सवाल उठता है। चंचल गोस्वामी के घर पर आईएएस अधिकारी और आईपीएस अफसर की लाईन लगे रहने और जी हजूरी करतें देखे जाने की भी चर्चा जोरों पर है। जिस तरह मधु कोड़ा के मुख्यमंत्री कार्यकाल में बिनोद सिन्हा के घर पर अफसरों का दरबार लगा करता था, आज उसी तरह हेमन्त सोरेन के करीबी पिंटू भी पर्दे के पीछे से वही काम कर रहे हैं।

आज झारखंड के अधिकांश नेता अपने राइट हैंड यानी खास लोग के चलते बदनाम हैं, जेल तक का सफर तय कर रहे हैं।भाजपा में चंपई सोरेन का भविष्य किया होगा यह तो विधानसभा चुनाव में साफ हो जायेगा, फिलहाल भाजपा चंपई सोरेन को जेएमएम के खिलाफ खड़ा कर अपना पक्ष मजबूत कर ली है। मुख्यमंत्री स्तर के नेता अपने करीबी लोग के कारण चर्चा में रहते हैं, यहां तक जेल तक जाना पसन्द करते हैं। चंचल गोस्वामी की हैसियत मधुकोड़ा के नजदीकी बिनोद सिन्हा और हेमंत सोरेन के खास पिंटू से कम नहीं है।

सूत्रों के अनुसार चंचल गोस्वामी की चल अचल सम्पत्ति की जांच भाजपा कराने वाली थी, इसी डर से चंचल ने चंपई सोरेन को भाजपा के साथ जाने पर मजबूर किया गया है। ईडी के नज़र में आ चुकी है चंचल गोस्वामी का चल अचल सम्पत्ति। सुत्र झामुमो के हवाले से कहा जा रहा है कि आदित्यपुर,गमहरिय और सर्किट हाउस एरिया में चंचल गोस्वामी का अवैध इन्वेस्टमेंट का मामला को उजागर किया जायेगा।

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