मुख्यमंत्री के रूप में चंपई सोरेन का छोटा सा कार्यकाल में बेहतर प्रदर्शन करने से झारखंड की जनता के साथ साथ भाजपा इससे बहुत ज़्यादा प्रभावित नज़र आ रही है

चंपई सोरेन को भाजपा अपनी पार्टी में शामिल करने में सफल हो जाती है तो कोल्हान में महागठबंधन को बड़ा नुकसान का सामना करना पड़ सकता है

अरवा राजकमल को सभी पद से हटाने और संट करने से चंपई सोरेन अपने ही मुख्यमंत्री हेमन्त सोरेन से काफी नाराज


DESK/संतोष वर्मा: बीते लोकसभा चुनाव में भाजपा कोल्हान के सिंहभूम सीट को जीतने की रणनीति बनाई और अपनी ही चाल में औंधे मुंह गिरी, हां यह वही रणनीति और चाल की बात हो रही है, जिसमें कोड़ा दंपति शामिल हैं। कोड़ा दंपत्ति का राजनीतिक जादू जनता के बीच नहीं चलने से भाजपा काफी चिन्तित है। झारखंड में होने वाले विधानसभा चुनाव में भाजपा किसी कीमत पर जेएमएम को नुक्सान पहुंचा कर अपना फायदा उठाने में कोई कसर नहीं छोड़ना चाहती है। इसी क्रम में कोल्हान टाईगर के रूप में पहचान बना चुके पूर्व मुख्यमंत्री चंपई सोरेन को भाजपा में शामिल कराने में हर संभव प्रयास कर रही है।

भाजपा कोल्हान में अर्जुन मुंडा और कोड़ा दंपति से ज्यादा पूर्व मुख्यमंत्री और वर्तमान में हेमन्त सोरेन सरकार के कैबिनेट मंत्री चंपई सोरेन को तवज्जो देते दिख रही है। यदि चंपई सोरेन को भाजपा अपनी पार्टी में शामिल करने में सफल हो जाती है तो कोल्हान में महागठबंधन को बड़ा नुकसान का सामना करना पड़ सकता है। जेएमएम में जिस तरह पार्टी नेतृत्व चंपई सोरेन को दरकिनार करने और उनके नजदीकि पदाधिकारी अरवा राजकमल को संटिंग करने का प्रयास किया गया, उससे चंपई सोरेन अपने आप को समझने पर मजबूर हैं।

सूत्रों से प्राप्त जानकारी के अनुसार अरवा राजकमल को सभी पद से हटाने और संट करने से चंपई सोरेन अपने ही मुख्यमंत्री हेमन्त सोरेन से काफी नाराज हैं। प्रदेश के दिग्गज भाजपा की टीम अमित शाह के डायरेक्शन में चंपई सोरेन को भाजपा में शामिल कराने की जी तोड़ कोशिश करते नज़र आ रही है। कोल्हान में अर्जुन मुंडा और कोड़ा दंपति से अधिक महत्व चंपई सोरेन को देने पर विचार किया जा रहा है। चंपई सोरेन के भाजपा में शामिल होते ही चंपई सोरेन विधानसभा चुनाव में बड़ा चेहरा हो सकतें हैं।

मुख्यमंत्री के रूप में चंपई सोरेन का छोटा सा कार्यकाल में बेहतर प्रदर्शन करने से झारखंड की जनता के साथ साथ भाजपा इससे बहुत ज्यादा प्रभावित नजर आ रही है। चंपई सोरेन अपने मुख्यमंत्री कार्यकाल में बहुत तेजी से फाइलों का निपटारा करने से कल्याण और विकास धरातल पर उतरना शुरू हो गया था, जिसे अभिषेक श्रीवास्तव उर्फ पिंटू जैसे हेमन्त सोरेन के नजदीकी लोग साजिश रच कर मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा देने पर मजबुर किया गया।

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