ग्रामीण कार्य विभाग के मुख्य अभियंता बिरेंद्र राम की राह पर चल रहे हैं झारखंड शिक्षा परियोजना परिषद के किरण एंड कम्पनी
झारखंड शिक्षा परियोजना परिषद में टेंडर मैनेज और कमिशन वसूली की जांच की आंच किरण मैडम के घर तक पहुंच सकती है
साथ ही वहीं स्वर्गीय रतन श्रीवास्तव के राइट हैंड माने जाने वाले राजेश कुमार पर विभाग की तलवार लटकती हुई नजर आ रही है
योजनाओं की निविदा में EMD के रूप में जमा BG और पास बुक जांच के घेरे में आ सकती है। सुत्र
सामाजिक संगठन के द्वारा भ्रष्टाचार और लुट को खत्म करने के लिए शिक्षा परियोजना परिषद से अभियंत्रण कोषांग को खत्म कर भवन निर्माण विभाग से कार्य कराने की मांग की जाएगी। सुत्र
टेंडर मैनेज और कमिशन वसूली की राशि से अवैध सम्पत्ति खरीदे जाने की संभावना से इनकार नहीं किया जा सकता है। सुत्र
निविदा निष्पादन में तुलनात्मक विवरणी, CS, की जांच से संवेदक चयन घोटाला किए जाने का मामला सामने आ सकता है। सुत्र
Chaibasa ः झारखंड शिक्षा परियोजना परिषद में टेंडर मैनेज और कमिशन वसूली की जांच की आंच किरण मैडम के घर तक पहुंच सकती है, साथ ही स्वर्गीय रतन श्रीवास्तव के राइट हैंड माने जाने वाले राजेश कुमार पर विभाग की तलवार लटकती हुई नजर आ रही है। हां विगत तीन साल में टेंडर प्रक्रिया में अनियमितता बरतने और सरकार को करोड़ों का नुकसान पहुंचाने के साथ साथ प्राक्कलन के विपरीत कार्य कराने, फर्जी विपत्र पारित कर संवेदकों की मिलीभगत से करोड़ों विकास राशि की बंदरबांट का मामला पूरे झारखंड को चर्चा में ला खड़ा किया है। टेंडर अलॉट करने में करोड़ों की कमिशन वसूली से झारखंड, बिहार नोएडा और अन्य राज्य में सम्पत्ति खरीदे जाने का अनुमान लगाया जा रहा है। इस तरह के टेंडर मैनेज के खेल में विभागीय अधिकारियों की भी संलिप्तता से इनकार नहीं किया जा सकता है। किरण मैडम और राजेश के सिंडिकेट में हर प्रमंडल के सहायक अभियंता की सक्रियता रहती है। सभी जिला में शिक्षा परियोजना परिषद से करोड़ों का कार्य किया जा रहा है, जिसकी निगरानी बाहरी रूप में किसी एजेंसी के द्वारा नहीं की जाती है, जिसके कारण किरण एंड राजेश के सिंडिकेट योजना राशि की लूट सुनियोजित तरीके से कर रहे हैं। सूत्रों के अनुसार चौंकाने वाली बात यह है कि EMD की जांच तक नहीं करते हैं, जिसके कारण फर्जी BG और पास बुक की आशंका से इनकार नहीं किया जा सकता है। सरकारी राशि की लूट और राजस्व की चपत लगाने में किरण एंड कम्पनी का नाम सबसे ऊपर है। किरण मैडम के विश्वस्त सूत्रों के हवाले से कहा जा रहा है कि किरण मैडम की पहुंच सीएम हाउस और दिल्ली तक है। सामाजिक संगठन ने किरण एंड कम्पनी की स्टिंग ऑपरेशन विगत तीन महीने से करने की सूचना मिली है, पूरे राज्य में संगठन योजनाओं की जानकारी ली है। संगठन के लोग विभागीय सचिव और परियोजना निदेशक से मिल कर सारी घटना की जानकारी देने वाले हैं। सूचना अधिकार के तहत निविदा तुलनात्मक विवरणी की मांग कर संवेदक चयन घोटाला का पर्दाफाश करने की बात कही गई है। माननीय उच्च न्यायालय में अनुबंध पर कार्यरत सिविल मैनेजर के साथ साथ अभियंत्रण कोषांग को बंद करने की मांग रखने वाले हैं, इस तरह का अभियंत्रण कोषांग स्वास्थ्य विभाग में भी था, जिसे खत्म कर दिया गया है, साथ ही अनुबंध कर्मचारियों को हटा दिया गया है।