मझगांव विधानसभा क्षेत्र ईपीलसिंगी पंचायत के टंगराई गांव में किसने बनाई थी पुलिया जो एक बारिस भी झेल नहीं पाई
जिप सदस्य माधवचंद्र कुंकल नें किया गांव का दौरा कहा यहां 78 साल के बाद भी ग्रामिणों को नहीं मिली पक्की सड़क, प्रस्व कराने जाने वाली प्रस्वकर्ता को मुख्य सड़क तक जाना पड़ता है आज खटिया के सहारे
संतोष वर्मा
Chaibasaःडीसी साहब इस गांव में अब तक मझगांव विधानसभा क्षेत्र के मंझारी प्रखंड के ईपीलसिंगी पंचायत के टंगराई गांव का टोला पुईयलबेड़ा में वर्ष 2020 से पुलिया के टूट होने के मामले को लेकर जिला परिषद सदस्य माधव चंद्र कुंकल ने ग्रामीणों के साथ मुलाकात की।ग्रामीणों ने बताया कि वर्ष 2020 में बना यह पुलिया 2020 के पहले बरसात में ही धराशाई हो गया।पिछले 5 सालों से ग्रामीण मुख्यधारा से कटे हुए है। गांव तक पहुंचने के लिए कोई उचित सड़क मार्ग भी नहीं है।यह गांव जंगीबुरु घाटी के मुख्य सड़क मार्ग के बगल में है।पिछले 5 सालों से पुलिया के टूटे होने के कारण गांव तक एंबुलेंस गाड़ी भी नहीं आता है। गांव में किसी के बीमार होने या गर्भवती महिला को प्रसव कराने के लिए अस्पताल तक ले जाने के लिए पीड़ित को खटिया में ढोकर मुख्य सड़क तक ले जाना पड़ता है।हर बार जब कोई महिला गर्भवती अवस्था में रहती है तो गांव तक एंबुलेंस नहीं पहुंचता है।
ग्रामीणों ने वर्तमान परिस्थितियों से तंग आकर श्रमदान कर वैकल्पिक रूप से अस्थाई पुलिया का निर्माण किया है।माधव चंद्र कुंकल ने कहा कि आज भी आदिवासी गांव विकास के पैमाने से काफी दूर है।आदिवासी बहुल गांव में आजादी के 78 सालों के बाद भी चलने के लिए सड़कों का न होना इस बात का प्रमाण है कि विकास के दावे सरकारी फाइलों तक ही सीमित हैं। देश को लाखों करोड़ों का राजस्व देने वाला पश्चिमी सिंहभूम जिला के गांव बुनियादी सुविधाओं के लिए संघर्ष कर रहा है। माधव चंद्र ने कहा कि जल्द ही उपायुक्त पश्चिमी सिंहभूम से मुलाकात कर नया पुलिया के निर्माण की मांग रखी जाएगी।मौके पर गगन बोदरा,सिरका हेस्सा, चांदमनी हेस्सा, लालगुरा पूर्ति,मांझी हेस्सा,कलिया हेस्सा,पिंकी हेस्सा, सुखमति हेस्सा, जेमा हेस्सा, सावित्री पूर्ति, पंगेला हेसा दामोदर हेसा आदि उपस्थित थे।