भारत की एकता, शक्ति और स्वाभिमान का प्रतीक जगन्नाथपुर में तिरंगा यात्रा का भव्य आयोजन
तिरंगा हम सबके लिए केवल एक ध्वज नहीं, बल्कि हमारे गर्व, बलिदान और एकता का प्रतीक हैः गीता
विपक्ष पर हमला करते बोले जो लोग आज संविधान की दुहाई देते हैं और संवैधानिक संस्थाओं—विशेषकर चुनाव आयोग—को बदनाम करते हैं, वे भूल जाते हैं कि उन्हीं संस्थाओं से होकर वे स्वयं सांसद बने हैं। यदि चुनाव आयोग पर भरोसा नहीं, तो उनके अपने चुनाव जीतने की सच्चाई पर भी प्रश्नचिन्ह लग जाएगाःपूर्व सांसद गीता कोड़ा
santosh verma
Chaibasa ः जगन्नाथपुर विधानसभा अंतर्गत जगन्नाथपुर में पूर्व मुख्यमंत्री मधु कोड़ा एवं झारखंड भाजपा प्रदेश प्रवक्ता सह पूर्व सांसद श्रीमती गीता कोड़ा के नेतृत्व में तिरंगा यात्रा का भव्य आयोजन किया गया। इस अवसर पर सैकड़ों कार्यकर्ता, पदाधिकारी एवं मंडल अध्यक्षगण पूरे उत्साह और देशभक्ति की भावना से ओतप्रोत होकर यात्रा में शामिल हुए।
पूर्व सांसद श्रीमती गीता कोड़ा ने यात्रा में शामिल सभी भाजपा कार्यकर्ताओं, पदाधिकारियों एवं जनता को हार्दिक बधाई दी। उन्होंने अपने संबोधन में कहा—“तिरंगा हम सबके लिए केवल एक ध्वज नहीं, बल्कि हमारे गर्व, बलिदान और एकता का प्रतीक है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने लाल किले की प्राचीर से जो संदेश दिया है—कि हर गांव, हर घर, हर दिल में तिरंगा लहराना चाहिए—उसी संकल्प को लेकर हम यह यात्रा निकाल रहे हैं।”
विपक्ष पर तीखा प्रहार करते हुए श्रीमती कोड़ा ने कहा—
> “जो लोग आज संविधान की दुहाई देते हैं और संवैधानिक संस्थाओं—विशेषकर चुनाव आयोग—को बदनाम करते हैं, वे भूल जाते हैं कि उन्हीं संस्थाओं से होकर वे स्वयं सांसद बने हैं। यदि चुनाव आयोग पर भरोसा नहीं, तो उनके अपने चुनाव जीतने की सच्चाई पर भी प्रश्नचिन्ह लग जाएगा। यह दोहरा मापदंड उनकी राजनीति की पोल खोल देता है।”उन्होंने आगे कहा कि तिरंगा यात्रा भारत की शक्ति और स्वाभिमान का प्रतीक है। “ऑपरेशन सिंदूर में हमारे वीर सैनिकों के पराक्रम और देशभक्ति ने पाकिस्तान को मुंह की खानी पड़ी। तिरंगा केवल रंगों का मेल नहीं—यह हमारे बल, साहस और अटूट एकता का जीवंत प्रतीक है।”यात्रा के दौरान देशभक्ति के नारे गूंजते रहे और हर चेहरे पर तिरंगे के प्रति गर्व साफ झलक रहा था। कार्यक्रम का समापन राष्ट्रगान के साथ हुआ।मौके पर जितेंद्र गुप्ता, भूमिज, चन्द्र मोहन गोप, अजीत सिंह, बामिया लागुरी, जीतेन सिंकू, हरिश तांती, धीरज सिंह, श्रवण शर्मा, पिन्टू सिंह, लालमोहन दास, संजय घोष, राना बोस, रविन्द्र बेहरा, सुखराम कोड़ा, सुखराम लागुरी, शत्रुघन लागुरी, गोकुल चन्द्र , चैतन गोप, सुबीर पान, गुरुचरण गोप, जमींदार गागराई, चंचल यादव, बसंत गोप, अमित महापात्र, रवि दास, शशि दास, उषा सिंकू, सुशीला नायक, इत्यादि कार्यक्रम में शामिल थे