आदिवासी हो समाज युवा महासभा की टीम ने हो भाषा को भारतीय संविधान की आठवीं अनुसूची में शामिल कराने के लिए ओढ़िशा राज्य के बड़बिल में संपर्क अभियान चलाया।


 चाईबासा ( संतोष वर्मा ) :  आदिवासी हो समाज युवा महासभा की टीम ने हो भाषा को भारतीय संविधान की आठवीं अनुसूची  में शामिल कराने के लिए ओढ़िशा राज्य के बड़बिल में संपर्क अभियान चलायी। वहाँ बिरसा मुण्डा न्यु बस स्टैण्ड चौक, दलकी बस्ती एवं कारा बस्ती में आदिवासी हो समाज के लोगों के साथ मीटिंग किया गया और भाषा को आठवीं अनुसूची के माँग के समर्थन में पोस्ट कार्ड लेखन अभियान चलाया गया।
 

आदिवासी हो समाज युवा महासभा के राष्ट्रीय महासचिव गब्बरसिंह हेम्ब्रम ने लोगों से अपील करते हुए कहा कि जिस-जिस राज्य में  हो भाषा-भाषी के लोग रहते हैं। उन सभी राज्यों से भाषा की संवैधानिक मान्यता हेतु माँग जाना अनिवार्य है। यहाँ ज्यादातर ओढ़िया भाषा चलता है,लेकिन घर-समाज में अपनी मातृभाषा से ही बात करें। अपनी भाषा का सम्मान बढ़ाएँ। आगामी 21 अगस्त को जंतर-मंतर दिल्ली में हो भाषा को आठवीं अनुसूची में शामिल कराने के लिए पुनः एक दिवसीय धरना-प्रदर्शन कार्यक्रम प्रस्तावित है। उस धरना-प्रदर्शन कार्यक्रम में असम,बंगाल,छत्तीसगढ़ और झारखंड से समाज के लोग शामिल हो रहे हैं। ओढ़िशा और झारखंड हम सभी काफी  नजदीक में है। हमलोग भारी मात्रा में जाकर आदिवासी हो समाज युवा महासभा को भाषा आंदोलन में सहयोग करें। लोगों ने ओढ़िशा राज्य से भारी संख्या में दिल्ली जाने के लिए सहमति दे दी। 


इस दौरान आदिवासी हो समाज युवा महासभा की ओर से ओढ़िशा निवासियों को सामाजिक संगठन के विस्तार के बारे में जानकारी दिया गया। हो समाज हित के लिए संगठन के माध्यम से रीति-रिवाज, परंपरा तथा सांस्कृतिक धरोहरों को एकजुट होकर बचाने का प्रयास करेंगे। 

इस अवसर पर आदिवासी हो  समाज युवा महासभा के झारखंड प्रदेश कमिटि कोषाध्यक्ष शंकर सिदु, ओएबन हेम्ब्रम, चंद्रमोहन चातोम्बा, जेना सुरीन, शंकर बिरूवा, मुकेश सिदु, रमेश सिदु, संजय गागराई, लक्ष्मण बंकिरा, मधु बोयपाई, मुंगड़ू मुंडा, सामु हासदा आदि लोग मौजूद थे।

Post a Comment

Do live your Comments here! 👇

Previous Post Next Post