अस्पताल मैनेजर ने सदर अस्पताल परिसर में ठेले पर चाय बेचने से रोका अनाथ बच्चे को

गालुबासा का शुगर पीड़ित बच्चा दो वक्त की रोटी के लिए भटक रहा शहर में दर-दर
 
पिता की हुई हत्या, मां की मौत दो साल पूर्व सड़क हादसे में हो गई, नहीं मिला मुआवजा


 चाईबासा :  सदर अस्पताल परिसर में ठेले पर चाय बिस्किट बेचकर अपना पेट भर रहे।
मुफ्फसिल थाना क्षेत्र अंतर्गत गालुबासा का अनाथ व शुगर रोग से पीड़ित 20 वर्षीय यादव बानरा को अस्पताल प्रबंधन द्वारा अस्पताल परिसर में ठेला लगाने पर प्रतिबंध किए जाने के बाद अपने पेट पालने के लिए दर-दर भटकने को मजबूर है। शुगर रोग से पीड़ित बच्चे का इलाज सदर अस्पताल में ही चल रहा था। युवक का शरीर काफी कमजोर हो चुका है। जिस कारण कहीं भी वह मजदूरी नहीं कर पा रहा। जिस कारण सदर विधायक दीपक बिरूवा ने उसे एक ठेला खरीद दिया और पूंजी देकर सदर अस्पताल में चाय बेचने के लिए कहा था। कुछ दिन तक चाय बेचने के बाद अस्पताल प्रबंधक द्वारा उसे परिसर से हटा दिया गया है।
 
जबकि गौर करने वाली बात यह है कि अस्पताल परिसर में पिछले कई सालों से दो-दो लोग चाय बेच रहे थे। जिसमें से एक अभी भी सर्वजनिक शौचालय में चाय बेच रहे हैं लेकिन अस्पताल प्रबंधन को इस पर कोई आपत्ति नहीं।

युवक ने बताया कि वह गांव के स्कूल में पांचवीं  कक्षा तक की पढ़ाई किया है। कुछ साल पूर्व उसके पिता रांधो बानरा की गांव के ही लोहा चोरों ने हत्या कर दी थी। वहीं राजनगर क्षेत्र में पिछले 2 साल पूर्व मजदूरों से भरा पिकअप भेन के पलटने से उसकी मां सीनी बानरा की भी मौत हो गई। वह परिवार का इकलौता औलाद है। पिता की हत्या किए जाने तथा मां की सड़क हादसे में मौत होने के बावजूद उन्हें कोई मुआवजा नहीं मिला है। उनका घर द्वार तथा खेत हैं लेकिन उन्हें पिता के हथियारों से जान का खतरा है जिस कारण वह गांव जाना नहीं चाहता।

अस्पताल प्रबंधक आशीष कुमार ने कहा कि मेरी नौकरी का सवाल है। अस्पताल परिसर में हम ठेला नहीं लगाने देंगे। अनाथ बच्चे के जीवन यापन के लिए अन्य कोई वैकल्पिक व्यवस्था किया जा सकता है।

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