कहा कई बार पश्चिमी सिंहभूम के उपायुक्त से कार्रवाई की मांग लेकिन यहां कोई सुनने वाला नहीं हैः अमृत माझी
सरायकेला-खरसावां जिला के तत्कालीन उपायुक्त सह अध्यक्ष ने रश्मिता भल की आवेदन को रद्द कर दिया वहीं पश्चिमु सिंहभूम जिले में आवेदन को स्वीकृत किया
चाईबासा/संतोष वर्मा : अमृत मांझी ने पेयजल एवं स्वच्छता प्रमंडल चाईबासा में आईईसी कोऑर्डिनेटर के पद पर नियुक्त श्रीमती रश्मिता भल की नियुक्ति प्रक्रिया को झारखंड उच्च न्यायालय में जनहित याचिका दर्ज कर चुनौती दी है। अमृत मांझी का कहना है कि श्रीमती रश्मिता भल की नियुक्ति कार्मिक, प्रशासनिक सुधार एवं राजभाषा विभाग, झारखंड रांची की अधिसूचना संख्या 3849, दिनांक 10/08/2021 के द्वारा जारी नियम व शर्तों के खिलाफ है।
जबकि जिला जल एवं स्वच्छता समिति, पश्चिमी सिंहभूम, चाईबासा को जल जीवन मिशन के तहत संविदा आधारित नियुक्ति के लिए अभ्यर्थियों को मैट्रिक, इंटरमीडिएट की शिक्षा झारखंड राज्य में अवस्थित मान्यता प्राप्त संस्थान से होना अनिवार्य शर्त है।
चाईबासा प्रमंडल के पेयजल एवं स्वच्छता विभाग के आईईसी कोऑर्डिनेटर के पद पर नियुक्त श्रीमती रश्मिता भल की शैक्षणिक योग्यता झारखंड के किसी भी मान्यता प्राप्त शिक्षण संस्थान से नहीं है। बल्कि श्रीमती रश्मिता भल की शैक्षणिक स्थिति ओडिसा राज्य के संस्थान का स्पष्ट रूप से उल्लेख किया गया है। जो कार्मिक, प्रशासनिक सुधार एवं राजभाषा विभाग की नियम व शर्त का खुल्ला उल्लंघन है।
श्रीमती रश्मिता भल की असंगत नियुक्ति प्रक्रिया की ओर तत्कालीन मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन जी को भी लिखित मांग पत्र प्रेषित कर ध्यान आकृष्ट किया गया था। साथ ही अधिकृत ट्वीट भी किया गया था और उपरोक्त उल्लेखित पद पर संविदा आधारित नियुक्ति के लिए अधिकृत तत्कालीन उपायुक्त सह अध्यक्ष को भी कई बार धरना प्रदर्शन कर मांग पत्र सौंपी गई थी। और उचित कार्रवाई करने की मांग की गई थी। लेकिन श्रीमती रश्मिता भल के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं हुई। जबकि सरायकेला-खरसावां जिला जल जीवन मिशन कार्यक्रम सुनिश्चित करने के लिए आमंत्रित पद पर भी श्रीमती रश्मिता भल आवेदन भरी थी।
सरायकेला-खरसावां जिला के तत्कालीन उपायुक्त सह अध्यक्ष ने श्रीमती रश्मिता भल की आवेदन को रद्द कर दिया। जिसमें सरायकेला खरसावां के उपायुक्त ने श्रीमती रश्मिता भल की शैक्षणिक योग्यता को ओडिशा राज्य का होने के रूप में चिन्हित किया। जबकि आमंत्रित पद की नियुक्ति के लिए कार्मिक, प्रशासनिक सुधार एवं राजभाषा विभाग की नियम व शर्त झारखंड राज्य के मान्यता प्राप्त शिक्षण संस्थान से उत्तीर्ण होना आवश्यक उल्लेख किया गया है।
अमृत मांझी ने झारखंड के बेरोजगारों को अवसर से वंचित किए जाने के कारण और कार्मिक, प्रशासनिक सुधार एवं राजभाषा विभाग की नियम व शर्त का अवमानना करने के कारण ही झारखंड हाई कोर्ट में जनहित याचिका दर्ज किया है।जिसका केस संख्या WPC 792/2024 दिनांक 15/02/2024 है।
मौके पर प्रेस वार्ता में शुनील कुमार पान, नारायण कुदादा, बसंत पान, दिनेश महतो, इंदुशेखर तिवारी, शीतल पुरती मोजूद थे।