अपनी मांगों के संघर्ष में नौवें दिन भी समाहरणालय संवर्ग का हड़ताल जारी, सभी तरह के सरकारी कार्य पूरी तरह ठप, आम जनता मे है काफ़ी आक्रोश

विधायक सांसदों ने समाहरणालय कर्मियों के नौ सूत्री मांगों के समर्थन मे मुख्यमंत्री से किया है अनुशंसा

हड़ताल से सरकारी कार्य पूरी तरह प्रभावित परन्तु हमारी मांगों के लिए सरकार नहीं ले रही है सुध: ललितेश्वर महतो

सभी तरह के सरकारी कार्य पूरी तरह ठप, आम जनता मे है काफ़ी आक्रोश


चाईबासा: झारखण्ड राज्य अनुसचिवीय कर्मचारी संघ (समाहरणालय संवर्ग) पश्चिमी सिंहभूम राज्य नेतृत्व के आवाहन पर अपनी मांगों के समर्थन मे नौवें दिन भी हड़ताल पर अड़े हुए है। समाहरणालय संवर्ग के नौ सूत्री मांगों के समर्थन मे कई अन्य संवर्ग द्वारा भी नैतिक समर्थन दिया जा रहा है। वहीं महासंघ द्वारा भी सभी मांगो का समर्थन करते हुए जायज बताया है।

जानकारी हो की समाहरणालय संवर्ग अपनी नौ सूत्री मांगों के प्रति लगातार जनप्रतिनिधियों से मिलकर उन्हें अपनी मांगों से अवगत करा रहे है। स्थानीय सांसद, विधायकों द्वारा भी नौ सूत्री मांगों पर पहल करने के लिए सरकार से पत्र के माध्यम से अनुशंसा कर रहे है। संघ के राज्य स्तरीय पदाधिकारियों द्वारा लगातार मुख्यमंत्री से मिलने तथा अपनी जायज मांगों को यथाशीघ्र पूरा करने का प्रयास कर रहे है। इस दौरान संघ के जिला अध्यक्ष ललिततेश्वर महतो ने कहा की हमारी मांगों को सरकार नज़रअंदाज़ कर रही है जबकि हम दिन रात मेहनत कर सरकार के विकास नीतियों को धरातल पर उतारने मे अहम भूमिका निभाते है।

संघ के उपाध्यक्ष अतुल कुमार ने कहा की हड़ताल पर जाना हमारी मज़बूरी है। सरकार हमारी जायज मांगों को जल्द पूरी करे। वहीं स्थापना शाखा के वरीय कार्यालय अधीक्षक रूप सिँह बानरा ने कहा की झारखण्ड राज्य खनिज सम्पदा से परिपूर्ण है तथा राजस्व भी अन्य राज्यों के तर्ज पर अधिक प्राप्त होता है। वैसे मे जब अन्य राज्यों मे लिपिकों को सम्मानजनक ग्रेड वेतन दिया जा रहा है तो झारखण्ड मे फिर अनुसेवियों के बराबर ग्रेड वेतन देना बेहद चिंताजनक है।

हड़ताल के नौवें दिन भी कर्मियों मे काफ़ी उत्साह देखने को मिल रहा है।

प्रखंड अंचल अनुमंडल सहित जिला मुख्यालय के विभिन्न शाखाओ के कर्मी सुबह से शाम तक धरना स्थल पर उपस्थित रहते है। जिनमे सुनीता पूर्ति, सीमा बानरा, विलसन डांगाह, सबीना जोजो, अतुल कुमार, जितेंद्र बोदरा, सुनील बड़ाइक, पवन तांती, कुमार अभिषेक, दिलीप बिरुआ, कृष्णाचंद्र गागराई, तरुण कुमार, अजय सामनता, जूही सरकार, मयंक कुमार मनीषा गोप, जास्मिन, सदानंद रजक, मनोज देवगम, सहदेव मुर्मू अजित कुमार, मनीष विश्वकर्मा, सुशील खलखो, गुमड़ी आलडा, चन्द्रमोहन गोप, सुनीता सुंडी, आइसा रेयाज़, शांति कुडू, यास्मीता बानरा, कुणाल कुंडू सहित सैकड़ो कर्मी उपस्थित थे।

हड़ताल से कई सरकारी कार्य हो रहे है प्रभावित

शैक्षणिक प्रमाण पत्र, जाति, आय, आवासीय, न्यायालय कार्य, भू अर्जन संबंधित कार्य, खाद्य आपूर्ति कार्य, विधि व्यवस्था से समधित कार्य, विकास से सम्बंधित कार्य, कई योजनाओं का कार्य ठप, मनरेगा, अबुआ आवास योजना, पेंशन, जन्म मृत्यु प्रमाण पत्र, पंचायत शाखा से सम्बंधित कार्य सहित अन्य विकास एंव विविध सरकारी कार्य पूरी तरह से प्रभिवित हो रहे है। आम जनमानस को बस कार्यालय का चक्कर लगाकर वापस घर जाना पड़ रहा है। जिससे जनता मे भी काफ़ी रोस है।

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