जिला परिषद में स्वास्थ्य विभाग से स्वीकृत लगभग पचास करोड़ की योजना के निविदा में तकनीकी पदाधिकारियों पर यानि अभियंता पर जिला परिषद अध्यक्ष के द्वारा अपने चहते संवेदकों को कार्य आवंटित करने पर दबाव बनाने को लेकर बना चर्चा का विषय

जिला परिषद में स्वास्थ्य विभाग से स्वीकृत लगभग पचास करोड़ की योजना के निविदा में तकनीकी पदाधिकारियों पर यानि अभियंता पर जिला परिषद अध्यक्ष के द्वारा अपने चहते संवेदकों को कार्य आवंटित करने पर दबाव बनाने को लेकर बना चर्चा का विषय


जिला परिषद चाईबासाः स्वास्थ्य उप केंद्र के लगभग चौदह निविदा निष्पादन की प्रक्रिया इसी टेंडर मैनेज करने में लटक गया

संवेदक को टेंडर डालने से रोकना या मना करना गलतःलालमुनी पुरती

स्वास्थ्य मंत्री इरफ़ान अंसारी से जिला परिषद से योजना वापस लेने के लिए जिला के नेतागण मिलेंगे। सूत्र

पंचायती राज मंत्री दीपिका पाण्डेय को टेंडर मैनेज करने की शिकायत दर्ज कराने की बात कही जा रही है। सूत्र

संतोष वर्मा

Chaibasa ः जिला परिषद में स्वास्थ्य विभाग से स्वीकृत लगभग पचास करोड़ की योजना के निविदा में तकनीकी पदाधिकारियों पर यानि अभियंता पर जिला परिषद अध्यक्ष के द्वारा अपने चहते संवेदकों को कार्य आवंटित करने पर दबाव बनाने को लेकर चर्चा का विषय बना हुआ है. जिला परिषद अध्यक्ष के द्वारा संवेदकों को टोंटो एवं जंगल हाट स्वास्थ्य केंद्र के टेंडर में भाग नहीं लेने के लिए फोन किया जा रहा है ऐसा मामला प्रकाश में आया है. सूत्रों की माने तो दो संवेदक के द्वारा फोन टेप किए जाने और स्टिंग ऑपरेशन भी करने की बात कही जा रही है, जो जांच का विषय है. सूत्र यह भी कह रहे हैं कि स्वास्थ्य विभाग के मंत्री इरफान अंसारी और पंचायती राज के मंत्री दीपिका पाण्डेय से इस मामले को लेकर जिला के दो विधायक मिलकर शिकायत करने के मूड में नजर आ रहे हैं. जिला परिषद से डीसी को फंड ट्रांसफर करने के लिए मंत्री इरफान अंसारी से बात करने वाले हैं. डीसी को फंड ट्रांसफर होने से जिला के किसी भी विभाग को योजना दिया जा सकता है. पहली बार जिला के संवेदकों में इस बात की बहस शुरू हो गई है कि किस संवेदक को टेंडर दिलाने के लिए टेंडर डालने से रोकने का प्रयास किया जा रहा है. आने वाले समय में जिस तरह ग्रामीण कार्य विभाग के पूर्व मंत्री आलमगिर आलम और उनके आप्त सचिव संजीव कुमार लाल टेंडर मैनेज और कमिशन वसूली के मामले में ईडी के द्वारा गिरफ्तार किया गया है, और आज तक जेल में बंद हैं, उसी तरह आज जिला परिषद का मामला देखने को मिल रहा है. जिला परिषद के कई सदस्य और झामुमो के नेता इस मामले को गंभीरता से लेने और आला कमान के सामने मामला को पहुंचने की भी चर्चा हो रही है. जिन संवेदकों को टेंडर डालने से मना करने को कहा गया है, वो जांच होने पर सभी बात का खुलासा करने की बात कह रहे हैं. स्वास्थ्य उप केंद्र के लगभग चौदह निविदा निष्पादन की प्रक्रिया इसी टेंडर मैनेज करने में लटक गया है.फेल संवेदक को पास करने का दबाव अभियंता पर होने से समय पर निविदा निष्पादन नहीं होता नजर आ रहा है। अब देखना है कि टोंटो एवं जंगल हाट स्वास्थ्य केंद्र में किस संवेदक को कार्य आवंटित किया जाएगा. यह मामला पच्चीस तारीख के शाम को क्लियर हो जाएगा, आज टेंडर भरने की अंतिम तिथि है.इधर इस मामले को लेकर जिप अध्यक्ष से दुरभाष पर संपर्क साधाने का प्रयास कर पक्ष लेने का प्रयास किया गया लेकिन संपर्क नहीं हो पाया.



जिला परिषद में जिस संवेदक का रजिस्टेशन है उसे टेंडर डालने से कोई नहीं रोक सकता वह संवेदक का अधिकार हैः लालमुनी पुरती

वहीं इस मामले को लेकर पूर्व जिला परिषद अध्यक्ष सह वर्तमनान जिप सदस्य लालमुनी पुरती से पुछे जाने पर बताया गया की जो भी संवेदक का राजिस्टेशन जिला परिषद में कराया गया है वैसे सभी संवेदक टेंडर डाल सकते है उसे कोई नहीं रोक सकता है,यदी कोई रोकने का काम कर रहा है तो वह गलत है.इससे साफ प्रतित होता है की अपना स्वार्थ के लिए इस तरह काम् किया जा रहा है.जिला परिषद एक स्वासी कमेटी है और स्थानिय छोटे संवेदक को रोजगार दिलाना ही उद्देश्य है ताकी जिला परिषद से निकाली गई निविदा से अपना रोजगार कर परिवार का भरण पोषण कर सके.श्रीमती पुरती ने कहा की यदी इस तरह की शिकायत है तो इस मामले को लेकर जिला परिषद संघ के सचिव सह उपविकास आयुक्त से  वार्ता कर सुरक्षा व्यवस्था बहाल कराने का मांग करेगें और शिकायत भी. हमारे ओर से संवेदकों को पुरा सहयोग रहेगा टेंडर डलवाने में.

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