किसके आदेश पर डीके को बिना एमबी बुक जमा किए ही 81 सोलर युक्त जल मिनार के नाम पर कर दिया करोड़ो रूपये का भुगतान?

लाभुक समिति है परेशान

मामला जगन्नाथपुर प्रखंड के कई पंचायतों का


चाईबासा/संतोष वर्मा: पश्चिमी सिंहभूम जिला के अंतर्गत पड़ने वाले जगन्नाथपुर प्रखंड में पीसी का खेल चल रहा है और पीसी के लिए कायदे कानुन भी भूल रहें अधिकारी और कर्मी। ऐसी ही एक मामला जगन्नाथपुर प्रखंड अंतर्गत पड़ने वाले कई पंचायतों में वर्ष 21-22 में करिब 100 से अधीक सोलर युक्त जल मिनार डीके इंटरप्राईजज नामक संवेदक द्वारा लगाया गया था। लेकिन आज तक डीके के द्वारा एमबी बुक जमा नहीं किया गया।

लेकिन पंचायतों के पंचायत सचिवों द्वारा बिना एमबी बुक जमा किए ही डीके को करोड़ो रूपये भुगतान कर दिए जाने के कारण लाभूक समिति परेशान है।आखिर कौन हे डीके इंटरप्रायेजेज के संवेदक देशाय कुमार जिसे बगैर एमबी बुक जमा किए ही 81 सोलर जलमिनार का राशी का भुगतान कर दिया गया।जबकी सरकार का आदेश है की किसी भी संवेदक को बगैर एमबी बुक जमा किए राशी का भुगतान नहीं करना है,पर जगन्नाथपुर प्रखंड में नियम को नजर अंदाज कर किया जाता है।

मालूम हो कि वर्ष 21-22 में पंचायतों में ग्रामिणों को पेयजलापूर्ती के लिए 100 से अधिक सोलरयुक्त जल मिनार डीके नामक संवेदक को कार्य दिया गया था। उक्त योजना को लाभुक समिति के द्वारा चयनित स्थल पर ही लगाना था। इधर जगन्नाथपुर प्रखंड के अतर्गत पड़ने वाले विभिन्न पंचायत जैसे जगन्नाथपुर, जैंतगढ़, पट्टाजैंत, मुण्डुई आदी पंचायतो में जलमिनार लगाया है। जैसे की जगन्नाथपुर पंचायत में चार एमबी बुक पंचायत सेवक नारदो बारिक को नहीं दिया गया। 

लेकिन डीके को प्रति सोलरयुक्त जलमिनार पर ढाई लाख रूपये करके भुगतान कर दिया गया। यानी करिब 81 सोलर युक्त जलमिनार पर ढाई करोड़ रूपया भुगतान किए जाने की खबर है। यदी इस मामले की जांच हूई तो एक बड़ा एमबी घोटाला निकलेगा।आज वही डीके नामक संवेदक नोवामुण्डी प्रखंड में बऑयोमैट्रीक सिस्टम का सामान, टीवी, कुर्सी, टेबल, कैमरा व कंप्युटर आदी जैसे उपक्रम स्फलाई का कार्य कर रहें है।

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