कौन है अवधेश कुमार, जो अपने इच्छानुसार कई पद पर है विराजमान हैं
लघु सिंचाई विभाग की योजना जो जिला प्रशासन के अधीन है, उन योजनाओं में सम्बंधित कार्यपालक अभियंता से सांठ गांठ कर कमिशन वसुली अभियान चलाया जा रहा है, जो जॉच का मामला है
चाईबासा/संतोष वर्मा: ग्रामीण कार्य विभाग में फिर से ट्रांसफर पोस्टिंग का खेल शुरू हो गया है। इरफ़ान अंसारी के मंत्री बनने के बाद भी भ्रष्ट मंत्री आमगिर आलम के कार्यकाल जैसा विभाग का माहौल देखा जा रहा है। सूत्रो के अनुसार जेल में बंद विभागीय मंत्री आलमगीर आलम और संजीव कुमार लाल के चहेते अभियंता अवधेश कुमार प्रभारी मुख्य अभियंता को रेगुलर अभियंता प्रमुख बने रहने के लिए अपना पहुंच पैरवी का इस्तेमाल करना शुरु कर दिया है।
सूत्रो की माने तो बिरेंद्र राम के नजदीकि दबंग, माफिया ठिकेदार अवधेश कुमार के लिए हर संभव प्रयास कर रहे हैं। विदित हो कि संजीव कुमार लाल के चहेते होने के कारण अवधेश कुमार अब भी कई पद के प्रभारी बने हुए हैं। साथ ही नियम के विरुद्ध अन्य विभाग और जिला प्रशासन के अधीन योजनाओं का टीएस सीएस भी कर रहे हैं। बीरेंद्र राम के जेल जाने के बाद संजीव कुमार लाल के सबसे नजदीकी माने जाते हैं। सूत्रो के अनुसार लघु सिंचाई विभाग की योजना जो जिला प्रशासन के अधीन है, उन योजनाओं में सम्बंधित कार्यपालक अभियंता से सांठ गांठ कर कमिशन वसुली अभियान चलाया जा रहा है,जो जॉच का मामला है।
सूत्रो के अनुसार आज कल में होने वाले ट्रांसफर पोस्टिंग में भी अवधेश कुमार की मुख्य भूमिका मानी जा रही है, जैसे बीरेंद्र राम किया करते थे। संजीव कुमार लाल और मंत्री आलमगीर आलम के नजदीकि कर्ताधर्ता होने के बावजूद ईडी की नज़र से बचे हुए हैं। अवधेष कुमार आज छोटा बिरेद्र राम की भूमिका में हैं। अवधेश कुमार की कार्यशैली से हेमन्त सोरेन सरकार को फिर से घोटाले और कमिशन वसुली अभियान के तहत बदनामी होती नज़र आ रही है, साथ ही इमानदार छवि होने के दावा करने वाले विभागीय मंत्री इरफ़ान अंसारी के ऊपर भी भ्रष्ट मंत्री का आरोप लगने से रोका नहीं जा सकता है।
वहीं यह भी चर्चा है की अवधेश कुमार अपने पद का दुरुपयोग करते हुए अन्य विभाग की निविदा का भी सीएस करने की सुचना है। करोड़ो कैश कांड के आरोपी संजीव कुमार लाल के नजदीकी और चहेते प्रभारी मुख्य अभियंता अवधेश कुमार को रेगुलर मुख्य अभियंता बनाने के लिए बिरेंद्र राम के चहेते ठिकेदार पैरवी में जुटे। जिस तरह पूर्व मंत्री आलमगीर आलम को संजीव कुमार लाल के साथ आमने सामने बैठाया गया और पूछ ताछ किया गया है, उसी तरह से अवधेश कुमार को भी संजीव कुमार लाल के साथ आमने सामने बैठाया जाय तो कई कैश कांड सामने आ सकता है।
सूत्रो के अनुसार डीएमएफटी की योजनाओ में सीएस के नाम पर करोड़ों की वसुली किए जाने की जॉच के लिए मुख्य सचिव से शिकायत भी की जाने की चर्चा है। वहीं यह भी चर्चा है की एक साजिश के तहत हेमन्त सोरेन सरकार को बदनाम करने की कोशिश में लगे हैं अवधेश कुमार।