सत्ता पक्ष के अधिकांश माननीय लोग अवधेश कुमार को बदलने और एसटी कोटा के अभियंता को बनाने की पैरवी मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन से किए जाने की चर्चा
चाईबासा/संतोष वर्मा: एक दशक से भी अधिक समय से ग्रामीण कार्य विभाग में सेवारत है मुख्य अभियंता अवधेश कुमार इन पर चुनाव आयोग का निर्देश लागु नहीं होता है। जबकी चुनाव आयोग का स्खत निर्देश है की चाहे जो भी पदाधिकारी हो तीन साल से ज्यादा एक जगह पदस्थापित नहीं रह सकता है,यदी देखना हो तो ग्रामीण कार्य विभाग में एक दशक से पदस्थापित मुख्य अभियंता अवधेश कुमार को देख सकते है। वहीं ईस बात की भी चर्चा है की अपने ऊंचे पहुंच और पैरवी के बल पर अवधेश कुमार अपने समकक्ष वाले अभियंता की सेवा जल संसाधन विभाग से ग्रामीण कार्य विभाग में नहीं आने देते हैं।
एक दशक से भी अधिक समय से ग्रामीण कार्य विभाग में सेवारत है मुख्य अभियंता अवधेश कुमार।जल संसाधन विभाग और ग्रामीण कार्य विभाग को अपने बस में कर रखा है अवधेश कुमार। सूत्रों के अनुसार जेल में बंद पूर्व मुख्य अभियंता बिरेंद्र राम की तर्ज पर दोनो विभागों को मैनेज किए हुए हैं, दिनों विभागों में स्थापना का डेट अवधेश कुमार तय करते हैं। सूत्रों के हवाले से यह भी जानकारी प्राप्त हुई है कि आज भी कैश कांड के मुख्य आरोपी संजीव कुमार लाल के डायरेक्शन में अवधेश कुमार काम कर रहे हैं।
सूत्रो के अनुसार मुख्य अभियंता बने रहने के लिए जल संसाधन विभाग से अधीक्षण अभियन्ता की सेवा नहीं आने दे रहें हैं अवधेश कुमार। पूर्व मंत्री आलमगीर आलम और संजीव कुमार लाल के सिंडिकेट के बॉस हैं अवधेश कुमार।अवधेश कुमार को मुख्य अभियंता के पद पर बनाए रखने के लिए विभाग के उच्च अधिकारियों और बिरेंद्र राम के चहेते माफिया ठिकेदार विभागीय मंत्री इरफ़ान अंसारी की घेरा बंदी शुरू कर दी है। ईडी के द्वारा संजीव कुमार लाल के नौकर के घर से प्राप्त करोड़ों राशि में अवधेश कुमार की कितनी वसुली राशि थी, जांच का विषय है। जांच की आंच अवधेश कुमार के घर तक पहुंचती दिख रही है।
आज के समय में ग्रामीण कार्य विभाग के हीरो हैं अवधेश कुमार। अवधेश कुमार फैंस क्लब बना दिया जाए तो जल संसाधन और ग्रामीण कार्य विभाग के बड़े बड़े ऑफिसर और मंत्री सदस्य होंगें। सत्ता पक्ष के अधिकांश माननीय लोग अवधेश कुमार को बदलने और एसटी कोटा के अभियंता को बनाने की पैरवी मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन से किए जाने की चर्चा, लेकिन विभागीय अधिकारी के चहेते होने से अब तक प्रभार में बने हुए हैं। अवधेश कुमार पर संजीव कुमार लाल के खास और राजदार होने का ठप्पा लगा हुआ है, सुत्र बताते हैं कि इस लिए मंत्री किसी एसटी कोटा के अभियंता को मुख्य अभियंता बनाना चाह रहे हैं।
जल संसाधन विभाग के एसटी कोटा के वरीय अभियंता राम निवास प्रसाद और अवधेश कुमार के बीच घमासान शुरू हो चुका है। एक बड़ी ख़बर सामने आ रही है कि ईडी कैश कांड में अवधेश कुमार को भी पार्टी बनाने की मांग गैर सरकारी संगठन के द्वारा न्यायालय से की जा सकती है। अवधेश कुमार लगातार वर्क्स में ही पोस्टेड रहें हैं। ग्रामीण कार्य विभाग में अधीक्षण अभियंता की कमी का ढिढोरा पीट कर उसका लाभ अवधेश कुमार को दिया जाता है। विभागीय मंत्री की मेहरबानी से अवधेश कुमार लगातार अधिकांश चार पदों पर प्रभारी बने रहते हैं। किसी की भी सरकार रहे, अवधेश कुमार तीन से चार पद को हैंडल करते हैं। आचार संहिता खत्म होने के समय में ईडी की रडार पर आए विभागीय मंत्री आलमगीर आलम के समय काल का 33 निविदा का निष्पादन अवधेश कुमार के द्वारा किया गया है, जिसकी वसुली राशि जो मंत्री की हिस्से की थी, उसे कौन पचा गया, यह भी चर्चा जोरों पर है।
सूत्रो के अनुसार वर्तमान में अपने पद पर बने रहने के लिए बिरेंद्र राम के स्टाईल में सत्ता पक्ष के एक नेता के द्वारा विधानसभा चुनाव में पार्टी फंड में डोनेशन देने का भी ऑफर किया गया है। एन केन परका रेन यूं समझा जा सकता है कि किसी भी स्तर पर जा कर अपने पद को अवधेश कुमार बचा लेना चाहते हैं। ग्रामीण कार्य विभाग में मुख्य अभियंता का पद एसटी कोटा अभियंता से क्यूं नहीं रखा जाता है। इस मामला में भाजपा के एक बड़े नेता ने सरकार को ही घेरते हुए कहा कि ऐड आदिवासी को वर्क्स में नहीं रहना चाहती है। ग्रामीण कार्य विभाग में किसी भी ऊंचे पद पर एसटी अभियंता नहीं है। जेएसआरआरडीए के मुख्य अभियंता जेपी सिंह, अभियंता प्रमुख जेपी सिंह, मुख्य अभियंता अवधेश कुमार हैं।
अवधेश कुमार अपने पद का दुरुपयोग कर दूसरे विभाग के एजेंसी लघु सिंचाई प्रमंडल की निविदा का निष्पादन कर रहे हैं। डीएमएफटी फंद से स्वीकृत जिला स्तर की योजना का निविदा में भारी कमिशन वसुली की चर्चा, जांच की संभावना। अवधेश कुमार की आय से अधिक सम्पत्ति अर्जित किए जाने की जांच के लिए जनहित याचिका दायर करने की भी संभावना।
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Chaibasa
Chief Engineer of Rural Works Department
DC Office - Chaibasa
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JHARKHAND
PASCHIMI SINGHBHUM