होशियार, खबरदार , 24 घंटे में आने वाला है जनता का फैसला

प्रत्याशी अपने दिल को संभाल कर रखिए, क्या पता जनता का आशीर्वाद आपको ही मिलने वाला है, इसलिए तो कहावत चरितार्थ है कि, जनता जनार्दन होते हैं

JKLM के प्रत्याशी ने चंपई सोरेन, हरलाल महतो, और रामचंद्र सहिस् के जीत पर प्रश्न चिन्ह लगा दिया है, 24 घंटे में जनता का फैसला सामने आने वाला है

जहां JKLM से भाजपा गठबंधन को नुकसान होता दिख रहा है वहीं निर्दलीय बागी उम्मीदवार से सत्ता पक्ष यानी इंडिया गठबंधन को भी भारी नुकसान होता दिख रहा है

जगन्नाथपुर विधानसभा निर्दलीय उम्मीदवार मंगल सिंह बोबोंगा पर सबकी निगाहें टिकी हुई हैं, किसे विजय दिलाएंगे, गीता या सोना को, प्रत्याशी पर 24 घंटे का इंतज़ार भारी पड़ता दिख रहा है

माधव चंद्र कुकल, विजय सिंह गगराई और मंगल सिंह बोबोंगा के रेस में रहने से सत्ता पक्ष को भारी नुकसान होने की संभावना का पटाक्षेप 24 घंटे में हो जाएगी

चक्रधरपुर विधानसभा में निर्दलीय उम्मीदवार विजय सिंह गगराई किसका विजय रथ विधानसभा में पहुंचाने वाले हैं, विजय पर सबकी निगाहें टिकी हुई हैं

मझगांव विधानसभा में निर्दलीय उम्मीदवार माधव चंद कुकल की मजबूत और कमजोर स्थिति पर निरल पूर्ति और बड़कुंवर गगराई का भाग्य साथ देने वाली बात है, निरल पूर्ति की हैट्रिक को कुंकल रोक पाएंगें, इस सवाल का जवाब 24 घंटे में मिलने वाली है

चाईबासा और मनोहरपुर को छोड़ कर बाकि तीन विधानसभा में निर्दलीय उम्मीदवार के कारण दोनों गठबंधनों के प्रत्याशी में टफ फाइट माना गया है


DESK/संतोष वर्मा: किस एक्जिट पोल पर जनता का मोहर लगने वाला है, 24 घंटे में सभी के एग्जिट पोल की सत्यता सामने आ जाएगी. झारखंड की जनता ने किसे राज्य की बागडोर सौंपने जा रही है। सबकी नजर निर्दलीय उम्मीदवार पर टिकी है। झारखंड में लगभग पंद्रह सीट पर निर्दलीय उम्मीदवार NDA और इंडिया गठबंधन के प्रत्याशी के लिए मुसीबत बन कर खड़ी है, किस उम्मीदवार को विधानसभा पहुंचाने और रोकने में अपनी भूमिका निभा रहे हैं, अब से मात्र 24 घंटे रह गए हैं। कोल्हान की अधिकांश सीट पर निर्दलीय प्रत्याशी के कारण टफ फाइट हो गया है, यानी कांटे की टक्कर है।

सरायकेला के ईचागढ़, खरसावां और सरायकेला विधानसभा में JKLM के प्रत्याशी ने दोनों गठबंधनों के प्रत्याशी की नींद हराम करने का रोल निभाया है। वहीं पूर्वी सिंहभूम में जुगसलाई विधानसभा में JKLM के प्रत्याशी मजबूत उपस्थिति दर्ज कराई है, जिसके कारण राम चंद्र सहिष की जीत पर संशय बना हुआ है। पूर्वी विधानसभा में बीजेपी के शिव शकर सिंह के बागी निर्दलीय उम्मीदवार के रूप में चुनाव लड़ने से पूर्णिमा दास की जीत पर प्रश्न चिन्ह लगा हुआ है।

विशेष कर सिंहभूम संसदीय सीट के पांच विधानसभा सीटों पर गौर करने से निर्दलीय उम्मीदवार दोनों गठबंधनों के प्रत्याशी का खेल बनाते और बिगाड़ते नजर आ रहे हैं। सबसे पहले जगन्नाथपुर विधानसभा में निर्दलीय उम्मीदवार मंगल सिंह बोबोंगा के चुनाव मैदान पर डटे रहने से कांग्रेस प्रत्याशी सोनाराम सिंकु और गीता कोड़ा के बिच जहां चुनाव रोचक हो गया है वही कड़ा मुकाबला दोनो प्रत्याशी के बिच है. अब सवाल उठने लगा है की मंगल सिंह बोबंगा गीता कोड़ा या फिर कांग्रेस प्रत्याशी सोनाराम सिंकु को विधानसभा भेजने में कारगार होगें यह तो कल ही पता चलेगा, लेकिन जो भी हो काफी मजबूत और कांटे की टक्कर दे रहें सोनाराम सिंकु और उनकी जीत निश्चित बताया जा रहा है.

मझगांव विधानसभा में आदिवासी किसान मजदूर पार्टी के उम्मीदवार माधव चंद कुकल के रेस में शामिल होने के चर्चा से झामुमो के प्रत्याशी निरल पूर्ति को हैट्रिक करने से रोकने और भाजपा प्रत्याशी बड़कुंवर गगराई को फिर से एक बार विधानसभा में पहुंचाने का काम होता दिख रहा है। चाईबासा विधानसभा में जॉन मिरन मुंडा का नामांकन रद्द हो जाने से झामुमो के प्रत्याशी दीपक बिरुआ चौथी बार विद्यायक बनने के लिए जनता का आशीर्वाद मिलता नजर आ रहा है।

चक्रधरपुर विधानसभा में निर्दलीय उम्मीदवार विजय सिंह गगराई एक मजबूत प्रत्याशी के रूप में चुनाव मैदान पर डटे हुए हैं, जिसके कारण झामुमो के प्रत्याशी सुखराम उरांव को बड़ा नुकसान का अनुमान लगाया जा रहा है, इससे स्पष्ट हो रहा है कि भाजपा उम्मीदवार की जीत की संभावना वयक्त की गई है।

मनोहरपुर विधानसभा में JKLM के प्रत्याशी अपना जलवा दिखा पाने में सफल नहीं रहे हैं, साथ ही अन्य प्रत्याशी फैक्टर नहीं बन पाने से जोबा मांझी अपने पुत्र जगत मांझी को विधानसभा पहुंचाने में सफल होती नजर आ रही है।

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