कोल्हान में चार आदीवासी मुख्यमंत्री की प्रतिष्ठा दांव पर, पत्नी और बहु की किस्मत का पिटारा बंद, चंपाई सोरेन की जीत पर लगा प्रश्न चिन्ह

हेमन्त सोरेन और कल्पना सोरेन के कार्यक्रम से सोनाराम सिंकु की स्थिति मजबूत हुई: सुत्र

जमशेदपुर पश्चिम में सरयू राय की चाणक्य नीति पर बन्ना गुप्ता की रणनीति भारी मानी जा रही है,

पश्चिम विधानसभा में EVM मशीन पर कमल छाप नहीं रहने के कारण सरयू राय को भारी नुकसान, भाजपा का वोट बन्ना के हाथ पर बटन दबाने की चर्चा

पूर्णिमा दास और अजय कुमार के बीच सीधी टक्कर में भाजपा भारी पड़ने की चर्चा

पोटका विधानसभा में भाजपा प्रत्याशी मीरा मुंडा पर झामुमो के प्रत्याशी सजीव सरदार हावी हैं: सुत्र

जमशेदपुर पूर्वी विधानसभा में रघुवर परिवार का फिर से कब्जा होने की संभावना की चर्चा जोरों पर

मधु कोड़ा ने लोकसभा के हार से बहुत कुछ सिखा, और विधानसभा में सुधार करने का काम किए: सुत्र

मधु कोड़ा ने इस चुनाव को जीने मरने के तराजू पर रख कर चुनाव लड़ा हैः सुत्र


Desk/संतोष वर्मा: झारखंड के पहले चरण में 43 विधानसभा क्षेत्र में मतदान संपन्न होने के बाद हुआ। कोल्हान में चार पूर्व मुख्यमंत्री की इज़्ज़त, प्रतिष्ठा दांव पर लग गई है, जीत और हार की चर्चा होने लगी है, सभी पार्टी ने अपने प्रत्याशी की जीत का दावा भी करते नज़र आ रहे हैं। सबसे दिलचस्प बात यह है कि पूर्व मुख्यमंत्री कोल्हान टाईगर चंपई सोरेन की सीट सरायकेला विधानसभा सबसे हॉट सीट के रूप में चर्चा में बनी रही। इस सीट पर जीतना दम खम चंपई सोरेन ने लगाया है, उतना ही दम खम गणेश महाली ने भी लगाया है।

गणेश महाली को जिताने के लिए हेमन्त सोरेन और कल्पना सोरेन ने भी पुरी ताकत झोंकते नज़र आई। वहीं चंपई सोरेन को फिर से विधायक बनाने में भाजपा ने कोई कोर कसर नहीं छोड़ी है। असली लड़ाई सरायकेला विधानसभा में देखने को मिली है। सट्टा के बाज़ार में बोली लगाने का दौर शुरू हो चुका है। अब देखना है कि चंपई सोरेन फिर से विधायक बन कर टाईगर की इज़्ज़त प्रतिष्ठा बरकरार रखने में सफल हो पाते हैं या नहीं, यह भी राजनितिक गलियारों में चर्चा होने लगी है।गणेश महाली को जनता का आशीर्वाद इस बार मिलेगा कि नहीं यह भी सवाल हर बार की तरह उठने लगी है, अब तो गणेश महाली को गणेश जी की कृपया पर भरोसा रखना पड़ सकता है।

अर्जुन मुंडा ने अपनी पत्नी मीरा मुंडा को पोटका से विधानसभा चुनाव लड़ाने के पार्टी फैसले पर फंसते नजर आ रहे हैं। सूत्रों के अनुसार पोटका में भाजपा पर भारी पड़ रही है झामुमो प्रत्याशी सजीव सरदार। यहां पर भी एक आदिवासी मुख्यमंत्री कि इज्ज़त प्रतिष्ठा दांव पर लग गई है। मीरा मुंडा के जीत से अर्जुन मुंडा की घटती राजनितिक कद को फिर से बढ़ाने में मदद पहुंचा सकती है। पोटका विधानसभा में आदिवासी वोटरों को एक जुट करने में कामयाब रही है। सूत्रों के अनुसार भाजपा अगर मेनका सरदार को टिकट दिया होता तो सजीव सरदार की हार की संभावना वयक्त की जा सकती है।

पुर्व मुख्यमंत्री मधु कोड़ा की पत्नी गीता कोड़ा ने अपने राजनितिक जीवन में सबसे ज्यादा चुनाव में मेहनत करते नजर आई, मधु कोड़ा ने सारे हथकंडे अपना कर चुनाव को अपने पक्ष में करने की कोशिश करते नजर आ रहे थे। लोकसभा चुनाव हार से बहुत सारे कमी और खामी को दूर करते नजर आए। मधु कोड़ा ने अपने नाराज और विक्षुब्ध लोगों को मनाते हुए अपने साथ लाने में सफल रहे। इस चुनाव को मधु कोड़ा ने जीने और मरने के तराजू पर रखा। कांग्रेसझ प्रत्याशी सोना राम सिंकु को मजबूत प्रत्याशी के रूप में मानते हुए अपनी रणनीति को सफल बनाने में लगे रहे।

पच्चीस साल की राजनितिक विरासत को बचाने की जंग लड़ने का काम किया जा रहा है। कोड़ा दम्पत्ति के खिलाफ आदिवासी समाज को अपनी ओर लाने और मनाने में बहुत हद तक सफल होते नजर आ रहे हैं। सोनाराम सिंकु को गीता कोड़ा के टक्कर में ला खड़ा करने में हेमन्त सोरेन और कल्पना सोरेन ने बड़ी भूमिका निभाई है। सूत्र बताते हैं कि सिंकु में अपनी राजनितिक क्षमता नहीं के बराबर है, खास कर कोड़ा दम्पत्ति के आगे एक सामान्य हैसियत के बराबर है। इस विधानसभा चुनाव में दोनों गठबंधनों के बीच सीधी टक्कर है, लेकिन इस टक्कर में गीता कोड़ा भारी पड़ रही है।

जमशेदपुर पूर्वी से पूर्व मुख्यमंत्री और वर्तमान में ओडिसा के राज्यपाल रघुवर दास की बहु पूर्णिमा दास की स्थिती अन्तिम समय में बेहतर होने से पूर्व सांसद अजय कुमार की जीत की चर्चा में विराम लगने लगा है। पूर्णिमा दास की जीत से रघुवर दास के विरोधीयों के मुंह पर ताला लग जाएगा, साथ ही एक बार फिर से रघुवर परिवार की विरासत में पूर्वी विधानसभा शामिल हो जायेगा।

इस चुनाव में कांग्रेस प्रत्याशी अजय कुमार की जीत की संभावना से इनकार नहीं किया जा सकता है, लेकिन यह चुनाव का परिणाम अजय कुमार की राजनितिक दिशा और दशा तय होने वाली है। कोल्हान में सभी दिग्गज महारथियों की किस्मत का फैसला 23 को होना है, तब तक के लिए ऐसी विश्लेषण, समीक्षा और चर्चा पर बने रहें, धन्यवाद।

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