पथ निर्माण संवर्ग के अभियंता को पीछे छोड़ते हुए जल संसाधन संवर्ग के अवधेश कुमार प्रभारी बनने के लिए सरकार को मैनेज करने में लगे
सरकार अवधेश कुमार पर उम्मीद से ज्यादा मेहरबान हैः सुत्र
अभियंता प्रमुख के पद को पाने के लिए अवधेश कुमार किसी हद तक जाने को तैयार हैं: सुत्र
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👆अवधेश कुमार - जयप्रकाश सिंह अभियंता☝️ |
चाईबासा/संतोष वर्मा: दबंग और चर्चित अभियंता जेपी सिंह के सेवा निवृत्त होने से jsrrda में मुख्य अभियंता के पद खाली हो गया है, वहीं ग्रामीण कार्य विभाग के अभियंता प्रमुख का पद भी खाली हो गया है। ऐसा में खाली पद पर माफिया अभियंताओं की नजर लग गई है, ऊंची पहुंच और पैरवी के बल पर जल संसाधन संवर्ग के अभियंता अवधेश कुमार प्रभारी बनने के लिए पूरी मंत्रालय को खरीदने की कोशिश में लगे हैं, हालांकि सूत्रों के अनुसार सरकार अवधेश कुमार को प्रभारी बना कर अपने भ्रष्टाचार कार्यशैली का परिचय नहीं देना चाहेगी।
विदित हो पुर्व ग्रामीण विकास मंत्री आलमगिर आलम ने नियम प्रक्रिया को तोड़ते हुए जल संसाधन विभाग के मुख्य अभियंता बीरेंद्र राम को ग्रामीण कार्य विभाग का मुख्य अभियंता बना दिए थे, जिस पर पथ निर्माण विभाग के अभियंताओं के साथ साथ राजनीतिक दलों का भी विरोध का सामना करना पड़ा था, वहीं ईडी भी इस मामले में संज्ञान लिया है, बिरेंद्र राम की दुर्गति उसी समय से शुरू हुई थी। आज वही दृश्य सामने देखने को मिल रहा है। सूत्रों की माने तो अवधेश कुमार से बड़ा बोली लगाने वाला कोई नहीं है। ग्रामीण कार्य विभाग के अभियंता प्रमुख का पद पर आज तक पथ निर्माण संवर्ग के अभियंता ही कार्यरत रहे हैं।
Jsrrda का मुख्य अभियंता का पद भी पथ निर्माण संवर्ग के अभियंता ही संभालते रहे हैं। ऐसा में सरकार अपनी परम्परा को तोड़ते हुए अवधेश कुमार को प्रभारी बना सकती है या नहीं, इस पर विपक्ष पैनी नजर रखी है। विदित हो कि अवधेश कुमार पर माननीय उच्च न्यायालय में इनके गलत पदस्थापन किए जाने का मामला चल रहा है, वही दूसरी ओर डेढ़ दशक से अधिक समय से अवधेश कुमार ग्रामीण कार्य विभाग में वर्क्स में सेवारत हैं, इस मामला में भी जनहित याचिका दायर करने का मामला सामने आया है। बीरेंद्र राम के बाद से अवधेश कुमार सबसे दबंग और चर्चित अभियंता में से एक हैं।
अवधेश कुमार पर कमिशन वसुली करने के एवज में कई प्रमंडलों में फेल संवेदक को पास कर कार्य आवंटित किया गया है विशेष रूप से सरायकेला जिले में नए पंजीकृत संवेदक को बिना कार्य अनुभवता के कार्य आवंटित किया गया है वहीं चाईबासा जिला में डिसक्वालिफाई करने के बाद पुनः क्वालीफाई किया गया है, कई ऐसी निविदा को पास किया गया है जिस में बैंक सॉल्वेंसी तक का जांच नहीं कराया गया है। इस तरह के कारनामे राज्य के सभी प्रमंडलों में हुआ है। इस भ्रष्टाचार को छुपाने के लिए कार्यालय में पदस्थापित प्रावैधिकी सचिव से संचिका में हस्ताक्षर तक नहीं कराया गया है। यहां तक कि अधिकांश निविदा में प्रावैधिकी सचिव को दरकिनार कर निविदा निष्पादन किया गया है जो सबसे बड़ा भ्रष्टाचार का और घोटाला माना जा सकता है।
सू़त्रों की माने तो ग्रामीण कार्य विभाग अवधेश कुमार के बस में रहती है, अवधेश कुमार के बिना विभाग में कोई अहम निर्णय नहीं लिया जा सकता है। अभियंता प्रमुख और jsrrda के मुख्य अभियंता के पद पर सरकार अवधेश कुमार के लिए नियम प्रक्रिया को शिथिल करती है या अपनी पूर्व व्यवस्था को बनाए रखती है, इस पर सबकी निगाहें टिकी हुई हैं।