पश्चिमी सिंहभूम जिलान्तर्गत सेरेंगसिया घाटी में शहीद हुए पोटो हो, बड़ाई हो, पांडुवा हो, नारा हो आदि जैसे सैकड़ों वीर शहीदों के वंशजों की सरकारी लाभ देने की मांग को लेकर सवाल उठाए...
चाईबासा/संतोष वर्मा: सोमबार को जगन्नाथपुर विधानसभा क्षेत्र के विधायक सोनाराम सिंकु नें पश्चिमी सिंहभूम जिलान्तर्गत सेरेंगसिया घाटी में शहीद हुए पोटो हो, बड़ाई हो, पांडुवा हो, नारा हो आदि जैसे सैकड़ों वीर शहीदों का महत्वपूर्ण योगदान था तो आज उनके वंशजों को सरकारी लाभ नहीं मिल रही क्यों। इस मामले को लेकर विधायक सोनाराम सिंकु नें विधानसभा में सवाल कर तारांकित माध्यम से सरकार से जबाब मांगा गया।
श्री सिंकु नें कहा क्या यह बात सही है कि देश की आजादी की लड़ाई में झारखण्ड राज्य, पश्चिमी सिंहभूम जिलान्तर्गत सेरेंगसिया घाटी में शहीद हुए पोटो हो, बड़ाई हो, पांडुवा हो, नारा हो आदि जैसे सैकड़ों वीर शहीदों का महत्वपूर्ण योगदान था। इस पर सरकार के द्वारा जबाब दिया गया की स्वतंत्रता सेनानियों अथवा उनके आश्रितों को स्वतंत्रता सैनिक सम्मान पेंशन योजना- 1980 के तहत पेंशन का भुगतान किया जाता है। साथ यह भी कहा गया की वर्तमान में स्वतंत्रता सेनानियों के वंशजों को - सरकारी नौकरियों में आरक्षण देने का कोई भी प्रस्ताव विभाग में विचाराधीन नहीं है।
जगन्नाथपुर विधायक सोनाराम सिंकु नें तारांकित के माध्यम से विधानसभा में सरकार से मांगा जबाब
1. क्या यह बात सही है कि देश की आजादी की लड़ाई में झारखण्ड राज्य, पश्चिमी सिंहभूम जिलान्तर्गत सेरेंगसिया घाटी में शहीद हुए पोटो हो, बड़ाई हो, पांडुवा हो, नारा हो आदि जैसे सैकड़ों वीर शहीदों का महत्वपूर्ण योगदान था;
2. क्या यह बात सही है कि इन वीर शहीदों के वंशज झारखण्ड में आज भी अपेक्षित एवं सामान्य जीवनयापन करने को मजबूर है;
3. क्या यह बात सही है कि वीर शहीदों के वंशजों को झारखण्ड सरकार द्वारा कोई विशेष सुविधा या यहाँ के सरकारी नौकरियों में आरक्षण नहीं दिया जाता है;
4. यदि उपर्युक्त खण्डों के उत्तर स्वीकारात्मक है तो क्या सरकार स्वतंत्रता संग्राम के इन वीर शहीदों के वंशजों को विशेष सुविधा या यहाँ के सरकारी नौकरियों में आरक्षण देने का विचार रखती है, हाँ तो कब तक नहीं तो क्यों?
विधायक सोनाराम सिंकु के द्वारा किया गया प्रश्न का दिया गया उत्तर
स्वीकारात्मक ।
व्यावहारिक ।
आंशिक स्वीकारात्मक ।
स्वतंत्रता सेनानियों अथवा उनके आश्रितों को स्वतंत्रता सैनिक सम्मान पेंशन योजना- 1980 के तहत पेंशन का भुगतान किया जाता है।
वर्तमान में स्वतंत्रता सेनानियों के वंशजों को - सरकारी नौकरियों में आरक्षण देने का कोई भी प्रस्ताव विभाग में विचाराधीन नहीं है।