चाईबासा: सोशल मीडिया पर माता सरस्वती पर गलत टिप्पणी करने और न्यूज़ के माध्यम से तरह-तरह के गलत खबरें चलाए जाने पर टाटा कॉलेज के छात्र काफी आक्रोश में आ गए हैं। उन्होंने आरटीआई के माध्यम से प्राप्त पत्र पर प्रतिक्रिया देते हुए सबसे पहले टाटा कॉलेज चाईबासा के प्रचार्य डॉ एस०सि० दास को शिकायत कि, की हमारी धार्मिक भावनाओं पर ठेस पहुंचाया गया हॆ। उसके बाद पर प्रचार्य के माध्यम से पुलिस अधीक्षक, पश्चिम सिहंभूम चाईबासा को एक पत्र लिखकर शिकायत की गई है।
हम सभी टाटा कॉलेज सामान्य छात्रवास एवं आदिवासी बाल कल्याण छात्रावास के अन्तेवासी हॆं। टाटा कॉलेज एक शैक्षणिक संस्थान होने के नाते अन्य शैक्षणिक संस्थाओं की तरह कॉलेज के स्थापना वर्ष से ही विद्या की देवी श्री माता सरस्वती की भव्य पूजा अर्चना की जाती रही है। इस परंपरा के तहत हम दोनो छात्रावास कि अगुवाई मे कॉलेज प्रांगण में कॉलेज के सभी छात्र-छात्राओं एवं समाजसेवियों के सहयोग से अभी भी हर वर्ष के बसंत पंचमी में मां की प्रतिमा स्थापित करते हुए भव्य पूजा का आयोजन किया जाता है। पूजा के शुरुआत से लेकर विसर्जन तक कॉलेज और विश्वविद्यालय मे पढ़ने वाले छात्र-छात्राओं और चाईबासा शहर के अलावे विभिन्न क्षेत्र के सभी धर्मो के लोग शामिल होते हैं एवं मां से आशीर्वाद लेते हॆं। जिसमें टाटा कॉलेज के दोनों छात्रावास इन सभी श्रद्धालुओं का स्वागत करता है।
इस वर्ष का पूजा विसर्जन के दौरान एक मस्काल न्यूज (यूट्यूब चैनल) जो कि क्षेत्रीय भाषा हो से संचालित किया जाता है न्यूज रिपोटिंग के द्वारा विसर्जन जुलूस को देखने निकले हुए लोगों को माता सरस्वती से संबंधित गलत सवाल जवाब किया गया हॆ। जिसमें लोगों से रिपोर्टर द्वारा पूछा गया कि सरस्वती माता को ज्ञान की देवी क्यों कहा जाता है? माता सरस्वती कौन थी, उनका शैक्षणिक संस्थाओं में क्या योगदान है? और कौन सा स्कूल कॉलेज में पढ़ाई की थी? उनके माता पिता कौन हैं। उनका पति कौन है? विसर्जन जुलूस के दो दिन बाद बशिल हेम्ब्रोम नामक व्यक्ति के द्वारा कुछ इसी प्रकार का सोशल साइट्स फेसबुक पर पोस्ट के माध्यम से टाटा कॉलेज में पढ़ रहे विद्यार्थियों से सवाल जवाब किया गया था।
बिगत दिनो "राष्ट्रीय भ्रष्टाचार नियंत्रण और जन कल्याण संगठन" के लेटर हेड से श्री नारायण कांडेयांग के द्वारा RTI के माध्यम से टाटा कॉलेज के दोनों छात्रावास को आठ बिंदुओं पर सवाल का जवाब मांगा गया है तथा उसमें कोई तिथि का वर्णन नहीं किया गया है। छात्रों ने आर० टी० आई,० कि कॉपी भी पुलिस अधीक्षक को सौंप दी है।
जिसमें प्रमुख रूप से यह प्रश्न किया गया है:-
1. सरस्वती की जन्म कब हुआ? जन्मस्थली कहां है? शैक्षणिक योग्यता क्या है? प्रमाणित दस्तावेज उपलब्ध करावें।
2. सरस्वती की शिक्षा में क्या योगदान है? किस विश्वविद्यालय से डिग्री प्राप्त कर शिक्षा की देवी का दर्जा प्राप्त है? प्रमाणित दस्तावेज उपलब्ध करावे।
3. सरस्वती की माता-पिता और पति का नाम क्या है? प्रमाणिक दस्तावेज उपलब्ध करावे।
पत्र में पुलिस अधीक्षक से मांग करते हुए लिखा गया है कि उपरोक्त घटना से हम सभी कि धार्मिक भावनाओं पर बहुत ही ठेस पहुंची है तथा कॉलेज में पढ़ रहे विद्यार्थियों में असामान्य स्थिति पैदा हो गई है। छात्र-छात्राओं में उग्रता की स्थिति काफी तेजी से बढ़ रही है। क्योंकि इन लोगों का मानसिकता हमेशा से किसी विशेष धर्म को लक्ष्य बनाकर हमेशा से नीचा दिखाने का प्रयास किया जाता है और यह पूरी संभावना है कि आगे भी इनके द्वारा इसी तरह से धार्मिक आस्था को ठेस पहुंचाने की कोशिश की जाएगी।
छात्रों ने दुखी मन से यह भी पुलिस अधीक्षक से निवेदन किया है दुखी कि इन तीनों लोगों के ऊपर हमारी धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचाने एवं क्षेत्र में आशंति फैलाने कि कोशिश करने वालों को पर अबिलंब विधि सम्मत कानूनी कार्यवाही सुनिश्चित किया जाए एवं उपरोक्त यूट्यूब चैनल और संगठन को ब्लैक लिस्टेड कर दिया जाए। ताकि कॉलेज प्रांगण में सामान्य स्थिति को दोबारा लाया जा सके।
पुलिस अधीक्षक की अनुपस्थिति में छात्रों ने सदर एसडीपीओ को शिकायत पत्र सोंपा, एसडीपीओ ने तुरंत कार्रवाई करने के लिए संबंधित थाने को अग्रसारित कर दिया। साथी हि छात्रों से यह कहा गया कि जो भी इस तरह की घटना में शामिल है इस पर जांच करते हुए तुरंत कानूनी कार्रवाई की जाएगी।