ग्रामीणों पर जबरन वसूली बर्दाश्त नहीं: मधु कोड़ा
भवन निर्माण अधिनियम की आड़ में अवैध वसूली के खिलाफ भाजपा का चरणबद्ध आंदोलन शुरू होगा
Chaibasaःपूर्व मुख्यमंत्री श्री मधु कोड़ा के नेतृत्व में एक प्रतिनिधिमंडल ने श्रम अधीक्षक से मुलाकात कर भवन एवं अन्य संनिर्माण कर्मकार अधिनियम 1996, अधिनियम 1998, एवं नियमावली 1998 के नाम पर ग्राम जगन्नाथपुर के ग्रामीण मकान से अवैध वसूली के खिलाफ ज्ञापन सौंपा।एवं प्रेस से बात करते हुए,श्री कोड़ा ने बताया कि ग्रामीणों को नोटिस भेजकर उनसे निजी आवासीय मकानों के निर्माण पर 1% से 2% लागत की राशि या ₹17 प्रति वर्ग फीट के हिसाब से धनराशि मांगी जा रही है, जो पूरी तरह अन्यायपूर्ण और गैरकानूनी है। ग्रामीणों ने ये मकान अपने निजी उपयोग के लिए श्रमदान कर बनाए हैं, ना कि किसी व्यावसायिक उपयोग हेतु।
पूर्व मुख्यमंत्री ने स्पष्ट किया कि भवन एवं अन्य संनिर्माण कर्मकार कल्याण अधिनियम, 1996 की धारा 3(2) के अनुसार, यह अधिनियम केवल उन्हीं निर्माण कार्यों पर लागू होता है जो सरकारी या सार्वजनिक परियोजनाओं के अंतर्गत आते हों अथवा जिनके लिए स्थानीय प्राधिकरण से अनुमति आवश्यक हो। निजी ग्रामीण आवास पर इस अधिनियम का लागू किया जाना कानून की अवहेलना है।इसके अलावा, ठेका श्रमिक अधिनियम, 1970 के तहत 20 या उससे अधिक कर्मकारों के नियोजन पर ही लेबर लाइसेंस की अनिवार्यता है, फिर भी विभाग द्वारा दबाव बनाकर ग्रामीणों से लाइसेंस लेने को कहा जा रहा है।श्री मधु कोड़ा ने इस अवैध वसूली को लेकर कड़ा ऐतराज़ जताते हुए कहा,यदि यह जबरन वसूली तत्काल नहीं रोकी गई, तो भाजपा चरणबद्ध तरीके से आंदोलन करेगी और सरकार को इसके गंभीर राजनीतिक परिणाम भुगतने होंगे।"यह भी चेतावनी दी कि यह मामला केवल एक गांव का नहीं बल्कि पश्चिमी सिंहभूम के हजारों गरीब ग्रामीणों के साथ अन्याय का मामला है, और भाजपा इसे जन आंदोलन का रूप देगी।