3 बजे से सुबह 9 बजे तक 300 बेड के मरीजों के साथ इमरजेंसी वार्ड की जिम्मेवारी एक डॉक्टर के ऊपर
भाजपा प्रदेश मंत्री नें लिखा पत्र उपायुक्त कहा दो दिनों से लो वोल्टेज के कारण मरीजों का एक्सरे नही होना मरीजों के जीवन से अमानविय प्रतीत हुआ है
भोजन लेने के लिए मरीजों को कैदियों के समान लाइन लगाकर स्वयं लेना होता है,जो अमानवीय है
संतोष वर्मा
Chaibasaः पश्चिमी सिंहभूम जिला के सदर अस्पताल का चरमराती अव्यवस्था को लेकर भाजपा प्रदेश मंत्री हेमंत केसरी नें उपायुक्त से शिकायत पत्र लिख कर समस्पाओं से अवगत कराते हुए लिखा की 3 बजे से सुबह 9 बजे तक 300 बेड के मरीजों के साथ इमरजेंसी वार्ड की जिम्मेवारी मात्र एक डॉक्टर के ऊपर है तो कैसे होगा मरिजों का ईलाज.साथ ही बताया की यह गंभीर विषय पर आपका ध्यान आकृष्ट करते हुए हम कहना चाहते हैं कि सदर अस्पताल में फैली अब्यवस्था का असर अस्पताल में भर्ती मरीजों के साथ रोजाना ओपीडी में आये मरीजों को हो रहा है।विगत दो दिनों से लो वोल्टेज के कारण मरीजों का एक्सरे नही होना मरीजों के जीवन से अमानविय प्रतीत हुआ है. जानकारी मिली है कि गर्भवती माताओं को इलाज पर काफी कठिनाइयों का सामना करना पड़ा जो शर्मनाक है।अस्पताल प्रबंधक और पदाधिकारी अपने कक्ष में एसी लगाकर मस्त हैं,मरीजों के परेशानी का हल उनके समक्ष कोई मायने नही रखना उनकी अकर्मण्यता को दर्शाता है.
श्रीमान आपको हमने अस्पताल में भर्ती मरीजों के भोजन व्यवस्था के त्रुटियों पर ध्यान आकर्षित करवाया था,जिस पर मरीजों को रोजाना भोजन तो लिस्ट के अनुरूप मिलने लगी है जरूर,पर भोजन लेने के लिए मरीजों को कैदियों के समान लाइन लगाकर स्वयं लेना होता है,जो अमानवीय है।पहले भोजन थाली में मरीजों को उनके बेड तक पहुंचाया जाता था,पर फिलहाल थाली नदारद है.साथ ही 3 बजे से सुबह 9 बजे तक 300 बेड के मरीजों के साथ इमरजेंसी वार्ड की जिम्मेवारी एक डॉक्टर के ऊपर ही रहता है, जिस पर हमने पूर्व में सिविल सर्जन को 2 और डॉक्टरों को देने का अनुरोध किया पर कोई निष्कर्ष नही निकला.श्रीमान आज सदर अस्पताल में कई करोड़ रुपये मरीजों के इलाज के लिए केंद्र सरकार देती है पर उसका लाभ से मरीज वंचित हैं।इसलिए
श्रीमान से मेरा विनम्र निवेदन है कि अस्पताल प्रबंधक और अस्पताल के पदाधिकारी को उनके दायित्व के अनुरूप कार्य करने हेतु निर्देशीत किया जाय जिससे कि मरीजों को स्वास्थ्य लाभ मिल सके।अन्यथा बाध्य होकर हमे केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय को इस हेतु शिकायत करना होगा.