ग्रामीण कार्य विभाग में 'रजक राज'! भ्रष्टाचार की नई इबारत, अभियंता प्रमुख से भी ऊपर पहुंच गए राजेश रजक" - पूर्व मंत्री बड़कुंवर गागराई

एक बार फिर ग्रामीण कार्य विभाग सुर्खियों में , पांच करोड़ से अधिक की योजनाओं की टेंडर आंवटन में हुई बड़ा घौटाला होने की चर्चा

              ग्रामीण कार्य विभाग में चर्चा में राजेश रजक

24 संवेदकों की सुची है, जिनको राजेश रजक ने दिलाया है निविदा 


कौन है राजेश रजक जो मंत्री दीपिका पाण्डेय को हटवाने की कर रहें थें कोशिश वैसी चर्चा 



वीरेन्द्र राम और संजीव लाल की राह पर चल पड़े राजेश रजक, करोड़ों की निविदा में चहेते ठेकेदारों को फायदा, टेंडर प्रक्रिया में खुला खेल – बंदरबांट की शिकायतों ने मचाई सनसनी


राजेश रजक अपनी ऊंची पहुंच और पैरवी से मुख्य अभियंता बनने की कोशिश में लगे हैं। सुत्र
अभियंता प्रमुख कार्यालय में श्री टोपो और राजेश रजक ने आरोहण बिल्डर के ग्रीवांस को ठंडे बस्ते में डाला

भाजपा के पूर्व मंत्री बड़कुवर गगराई ग्रामीण कार्य विभाग में टेंडर प्रक्रिया में संवेदक चयन घोटाला और कमिशन वसूली को आधार बना कर जनहित याचिका दायर कर सकते हैं। सुत्र

राजेश रजक के कारनामे को जन चेतना मंच ने दी विस्तृत जानकारी 

संतोष वर्मा

Chaibasaः झारखंड के ग्रामीण कार्य विभाग में भ्रष्टाचार अब संस्थागत रूप लेता नजर आ रहा है। पूर्व में कुख्यात हुए अभियंताओं – वीरेन्द्र राम और संजीव कुमार लाल -की तरह अब एक और नाम तेजी से चर्चाओं में है -राजेश रजक। यह नाम अब विभागीय चर्चाओं में अभियंता प्रमुख से भी अधिक प्रभावशाली माना जा रहा है। राजनीतिक संरक्षण, ऊंची पहुंच और नेटवर्क के बूते राजेश रजक ने विभाग की नीतियों को धता बताते हुए टेंडर प्रक्रिया को अपने कब्जे में कर लिया है। उक्त बातें पूर्व मंत्री बड़कुंवर गागराई ने कहा.ज्ञात हो की ग्रामीण कार्य विभाग में टेंडर प्रक्रिया में संवेदक चयन करने में राजनीतिक हस्तक्षेप देखने को मिल रहा है। हां यह बात कोल्हान प्रमंडल के चाईबासा  डिविजन,ग्रामीण कार्य विभाग के एक टेंडर प्रक्रिया को देखने से पता चलता है। NIT NO.19/2024-2025/ RWD/ CHAIBASA/19/2024-2025 से संबंधित है। उक्त निविदा में तीन संवेदक भाग लिए हैं।

उक्त निविदा में पास संवेदक को फेल कर दिया गया है। इसी तरह स्पेशल रिपेयर सड़क कार्य की निविदा NIT NO - RWD/CBSA/STPKG/03/2024-2025 में भी किया गया है। संवेदक आरोहण बिल्डर ने ग्रीवांस डाला है, लेकिन अभियंता प्रमुख कार्यालय में जैनंदन और राजेश रजक ने आरोहण बिल्डर के ग्रीवांस को ठंडे बस्ते में डाल दिया है। अभियंता प्रमुख के सेवा निवृत्त होने के महीनों बाद भी किसी योग्य अभियंता को अभियंता प्रमुख नहीं बनाया जाना मंत्रालय की भ्रष्टाचार नीति को दर्शाता है। पांच करोड़ से अधिक की योजना में संवेदकों के चयन में भारी अनियमितता बरतने की शिकायत दर्ज की जा रही है, वही न्यायालय में केस दर्ज किए जाने की संख्या बढ़ गई है।ऐसा लगता है कि एक बार फिर बिरेंद्र राम और सजीव लाल की घटना देखने को मिल सकती है। सूत्रों की माने तो ग्रामीण कार्य विभाग में राजेश रजक सबसे चर्चित अभियंता के रूप में पहचान बना कर उभरे हैं। मुख्य अभियंता कार्यालय में TA के पद पर विभाग नियुक्त किए हैं, लेकिन चलती अभियंता प्रमुख से कम नहीं हैं। राजेश रजक पर अपने खास और चहते ठीकेदारों को पचास करोड़ से अधिक की निविदा दिला दी है। राजेश रजक वर्तमान में जमशेदपुर डिविजन में कार्यपालक अभियंता के पद पर पदस्थापित हैं। साथ ही जिला प्रशासन के अधीन NREP और ITDA के भी प्रभारी हैं। अभियंता प्रमुख कार्यालय में टेंडर कमिटी में भी हैं। यहां तक चर्चा हो रही है कि बहुत जल्द राजेश रजक मुख्य अभियंता बनने वाले हैं। सूत्रों की माने तो राजेश रजक की पहुंच और पैरवी अब तक के माफिया अभियंताओं की लिस्ट के अनुसार पारस सिंह, बिरेंद्र राम, जेपी सिंह जैसे लोगों से भी ऊपर है। हाल के दिनों में यहां तक चर्चा जोरों पर थी कि राजेश रजक मंत्री दीपिका पाण्डेय को हटवाने की कोशिश कर रहे हैं, इसी क्रम में पिछले विभागीय बैठक में मंत्री ने खुद अपनी जुबान से विभाग पर कड़ाई करते हुए अपने हटाने की बात कह डाली थी, जो चर्चा का विषय बन गया था। ग्रामीण कार्य विभाग में ही टेंडर घोटाला और कमिशन वसूली की घटना देखने को मिलती है, और भी तकनीकि विभागों में इस तरह का मामला क्यूं नहीं चर्चा में रहती है। ग्रामीण कार्य विभाग में हजारों करोड़ की निविदा में टेंडर प्रक्रिया में संवेदक चयन में अनियमितता बरतने और झारखंड के विकास योजनाओं की राशि को लूटने की जांच भाजपा के पूर्व मंत्री बड़कुवर गगराई ने संज्ञान लिया है, सूत्रों के अनुसार टेंडर कमिटी के द्वारा अब तक टेंडर डिसाइड की गई निविदा की जांच के साथ साथ मुख्य अभियंता सरवन कुमार के पदस्थापन तक की जांच कराने के लिए जन हित याचिका दायर करने जा रहे हैं। इधर राजेश रजक के कारनामे को जन चेतना मंच ने विस्तृत जानकारी दी है, लेकिन इस लेख का कोई आधार सामने नहीं आया है, लेकिन इस लेख की सच्चाई जानने और जांच कराने की घोर आवश्यकता है। इस लेखनी में 24 संवेदकों की सुची है, जिनको राजेश रजक ने दिलाया है निविदा।

क्रमशः जारी

Post a Comment

Do live your Comments here! 👇

Previous Post Next Post