झारखंड की जमीन पर लीज चाहिए तो झारखंड के लोगों का हक पहले देना होगा, नहीं तो होगा जन आंदोलन:- दीपक बिरुवा

 झारखंड की जमीन पर लीज चाहिए तो झारखंड के लोगों का हक पहले देना होगा, नहीं तो होगा जन आंदोलन:- दीपक बिरुवा  


मेघाहातुबुरु स्थित सामुदायिक भवन में मंत्री दीपक बिरुवा ने श्रमिक संगठनों, ठेका मजदूरों, मानकी-मुंडाओं, ग्रामीणों और सेलकर्मियों से किया सीधा संवाद 


Chaibasa। मेघाहातुबुरु स्थित सामुदायिक भवन में बुधवार को मंत्री बिरुवा ने श्रमिक संगठनों, ठेका मजदूरों, मानकी-मुंडाओं, ग्रामीणों और सेलकर्मियों से सीधा संवाद किया। जैसे ही लोगों ने अपनी समस्याएं रखीं – विस्थापन, रोजगार की कमी, शिक्षा, स्वास्थ्य और पेयजल जैसे मुद्दों की झड़ी लग गई। इसके बाद मंत्री दीपक बिरुवा ने कहा कि सेल अगर लीज नवीकरण चाहता है तो उसे पहले स्थानीय बेरोजगारों को रोजगार देना होगा, विस्थापन नहीं सहा जाएगा। जो भी यहां खनन करेगा, उसे यहीं के लोगों को सम्मान देना होगा। सेल यहां से खनिज संपदा निकालकर दूसरे शहरों का विकास कर रही है और झारखंड को दे रही है प्रदूषण, बीमारी और विस्थापन। यह कब तक चलेगा? उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार को अगर झारखंड से हजारों करोड़ रुपये का राजस्व मिल रहा है तो राज्य को भी उसका हक मिलना चाहिए।

एक हाथ से ताली नहीं बजती, दोनों हाथों से बजती है। अब एकतरफा दोहन नहीं चलेगा। सेल प्रबंधन बोकारो या बाहरी जिलों से लोगों को ला रही है और यहां की नौकरी उनसे भर रही है। ये बर्दाश्त नहीं होगा। नौकरी तो पहले स्थानीय और खदान से प्रभावित गांवों के युवाओं को मिलेगी। उन्होंने दो टूक कहा कि अगर मांगे नहीं मानी गईं तो एक बड़ा जनांदोलन खड़ा किया जाएगा। गुवा क्षेत्र में रेलवे साइडिंग के नाम पर लोगों को जबरन हटाने की कोशिश पर बिरुवा भड़क उठे और कहा कि यह विस्थापन उचित नहीं है। पहले लोगों को बसाओ फिर हटाओ, ये कैसा अन्याय है? उन्होंने कहा कि गुवा, किरीबुरु और मेघाहातुबुरु के लोगों को जबरन उजाड़ा नहीं जाएगा। झारखंड सरकार गरीबों और मजदूरों की सरकार है और उनकी हर हाल में रक्षा की जाएगी। 

जब समस्या एक है तो संगठन अलग-अलग क्यों? संगठित होकर ही लड़ाई जीती जा सकती है। एक साथ आएं और सेल के खिलाफ एकजुट आंदोलन करें। बैठक में मौजूद मजदूर नेता रामा पांडेय ने कहा कि सेल गरीबों और मजदूरों का शोषण कर रही है। यह हेमंत सोरेन की सरकार है, विस्थापन किसी कीमत पर नहीं होने देंगे। उन्होंने गुवा के संदर्भ में कहा कि यदि विस्थापन करना है तो पहले लोगों को पुनर्वास देना होगा। लोगों ने अपनी प्रमुख मांगें जो मंत्री के समक्ष रखी गईं जिनमें सेल में सभी बहालियां किरीबुरु नियोजन कार्यालय के माध्यम से हों,ठेका व सप्लाई मजदूरों में स्थानीय व खदान प्रभावित गांवों को प्राथमिकता मिले, किरिबुरु अस्पताल में चिकित्सकों की कमी दूर की जाए, मुफ्त दवाएं मिलें, चतुर्थ श्रेणी में बड़ी संख्या में स्थानीयों की बहाली हो,सारंडा के 10 वनग्रामों को राजस्व ग्राम घोषित किया जाए, बहदा गांव को सीएसआर की सूची में शामिल किया जाए, सेल टाउनशिप में बसे गैर-सेलकर्मियों को विस्थापित न किया जाए। 

इस बैठक में जिला परिषद अध्यक्ष लक्ष्मी सोरेन, जिलाध्यक्ष सोनाराम देवगम, जिला सचिव राहुल आदित्य, नेता सुभाष बनर्जी, इकबाल अहमद, दीपक प्रधान, रामा पांडेय, विश्वनाथ बारा, अभिषेक सिंकु, विपिन पूर्ति, रीमु बहादूर, प्रेमनाथ गुप्ता, मोहम्मद तबारक, दुर्गा चरण तोपनो, कामरान रजा, मुखिया प्रफुल्लित गलोरिया तोपनो, लिपि मुंडा, उप मुखिया सुमन मुंडू, शमशाद आलम, मो. तबारक, जयराम गोप, पूर्व प्रमुख जीरेन सिंकु सहित बड़ी संख्या में लोग मौजूद रहे।

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