चाईबासा/संतोष वर्मा: निविदा में भाग लेने के बाद निविदा से हटने वाले संवेदकों की खैर नहीं। हां यह मामला ग्रामीण कार्य विभाग का है, जहां टेंडर मैनेज करने में किया जाता रहा है। अब ऐसा करने वाले संवेदकों की अग्रधन की राशि नहीं लौटाई जाएगी, साथ ही टेंडर में भाग लेने पर भी एक साल तक की रोक होगी। राज्य से लेकर जिला तक की निविदा में अब टेंडर मैनेज पर अंकुश लगाने की तैयारी विभाग शुरू कर दी है।
टेंडर मैनेज को रोकने के लिए ही हार्ड कॉपी जमा करने की प्रक्रिया को समाप्त किया जा चुका है। पुर्व अभियंता प्रमुख मुरारी भगत ने अपने समय में ही इस तरह के करवाई की थी, लेकिन भ्रष्ट अभियंता एवं नेतागण ने हार्ड कॉपी का ऑप्शन ढूंढ लिया, और पेपर वापस यानि टेंडर से हटने का कोई बहाना लिख कर टेंडर मैनेज किया जा रहा है।
अब विभाग ही पूरी तरह सख्त हो चुकी है, इस सम्बन्ध में आदेश जारी किए जाने की बात कही जा रही है। झारखंड सरकार के ग्रामीण कार्य विभाग और चाईबासा जिला में टेंडर मैनेज का उद्योग धंधा खूब चल रहा है। अब संवेदकों पर अग्रधन राशि जप्त किए जाने का डर बना रहेगा, साथ ही दनदनात्मक कारवाई भी होगी।