माननीय प्रधान जिला एवं सत्र न्यायाधीश-सह-अध्यक्ष, जिला विधिक सेवा प्राधिकरण ने मध्यस्थों से किया राष्ट्र सेवा में योगदान का आह्वान
सरायकेला: देशभर में चल रहे “नेशन के लिए मेडिएशन” अभियान के अंतर्गत आज सिविल कोर्ट्स, सेरायकेला के मीटिंग हॉल में एक विशेष बैठक का आयोजन किया गया। यह बैठक माननीय प्रधान जिला एवं सत्र न्यायाधीश-सह-अध्यक्ष, जिला विधिक सेवा प्राधिकरण, सेरायकेला-खरसावां की अध्यक्षता में संपन्न हुई।
बैठक में जिले के पैनल पर कार्यरत मध्यस्थों ने भाग लिया। यह बैठक राष्ट्रीय विधिक सेवा प्राधिकरण (NALSA), रांची के निर्देशानुसार आयोजित की गई 90 दिवसीय अभियान श्रृंखला का हिस्सा है, जिसका उद्देश्य देशभर में विवादों के वैकल्पिक समाधान, विशेषकर मध्यस्थता (मेडिएशन) के माध्यम से मामलों का शीघ्र निपटारा करना है।
माननीय प्रधान जिला एवं सत्र न्यायाधीश ने बैठक को संबोधित करते हुए उपस्थित मध्यस्थों को अभियान की महत्ता से अवगत कराया। उन्होंने कहा कि “नेशन के लिए मेडिएशन” केवल एक विधिक प्रयास नहीं, बल्कि राष्ट्र निर्माण की दिशा में एक सशक्त कदम है। इस अभियान की शुरुआत 1 जुलाई 2025 से हुई है और इसका उद्देश्य जनसाधारण को त्वरित, सुलभ और सौहार्दपूर्ण न्याय उपलब्ध कराना है।
उन्होंने मध्यस्थों से आग्रह किया कि वे झारखंड राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण (JHALSA), रांची से प्राप्त 40 घंटे की विशेष प्रशिक्षण का सदुपयोग करें और अपने मध्यस्थता कौशल के माध्यम से अधिक से अधिक मामलों का समाधान करें। उन्होंने कहा कि यह प्रशिक्षण केवल तकनीकी ज्ञान नहीं, बल्कि समाज सेवा का माध्यम है जिसे जनता के हित में उपयोग किया जाना चाहिए।
माननीय न्यायाधीश ने कहा:
“मध्यस्थता केवल विवादों का समाधान नहीं है, यह विश्वास, समझ और सामाजिक समरसता को पुनर्स्थापित करने का एक माध्यम है। जब एक वादकारी न्यायालय की लंबी प्रक्रिया के बजाय आपसी सहमति से समाधान प्राप्त करता है, तो वह न केवल समय और धन बचाता है, बल्कि व्यवस्था में भरोसा भी बढ़ता है।”
उन्होंने यह भी कहा कि इस राष्ट्रव्यापी अभियान की सफलता तभी संभव है जब सभी मध्यस्थ व्यक्तिगत दायित्व की भावना से प्रेरित होकर इसमें सहभागिता करें और अपने अनुभव, संवेदनशीलता एवं प्रशिक्षण को समाज के लाभ के लिए समर्पित करें।
बैठक के अंत में उपस्थित मध्यस्थों ने अभियान में सक्रिय भागीदारी का संकल्प लिया और कहा कि वे अपने प्रयासों से इस पहल को जन-जन तक पहुंचाने का कार्य करेंगे।
यह बैठक जिला में न केवल न्यायिक प्रक्रिया के प्रति आम जनता का विश्वास बढ़ाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण प्रयास रही, बल्कि यह संदेश भी दिया कि न्यायालय और समाज मिलकर एक न्यायपूर्ण और सुलभ भारत की ओर अग्रसर हो सकते हैं।