मेघाहातुबुरू में मजदूरों का फूटा गुस्सा

 मेघाहातुबुरू में मजदूरों का फूटा गुस्सा



सेल प्रबंधन के खिलाफ झारखंड मजदूर संघर्ष संघ का प्रदर्शन, चेतावनी – मांगें पूरी नहीं हुईं तो खदान बंदी तक जाएगा आंदोलन



santosh verma

Chaibasa ःसेल की मेघाहातुबुरू खदान प्रबंधन की मनमानी और लापरवाही के खिलाफ शुक्रवार को मजदूरों का गुस्सा फूट पड़ा। झारखंड मजदूर संघर्ष संघ की मेघाहातुबुरू इकाई ने जोरदार प्रदर्शन कर प्रबंधन को कड़े शब्दों में चेतावनी दी कि अगर उनकी जायज मांगें पूरी नहीं की गईं, तो आंदोलन और उग्र रूप लेगा। प्रदर्शनकारियों ने कहा कि अब छलावा नहीं चलेगा। उनकी प्रमुख मांगों में शामिल हैं—

PRP के आधार पर मजदूरों को बोनस दिया जाए, मेघाहातुबुरू क्लिनिक में स्थायी डॉक्टर की नियुक्ति हो, डॉ. मनोज को यहीं पदस्थापित किया जाए।ठेका मजदूरों को भी बोनस का लाभ मिले।आवासीय कॉलोनी में अनावश्यक बिजली कटौती बंद कर बिजली व्यवस्था दुरुस्त की जाए।

मजदूरों को भी एक्जीक्यूटिव की तरह विशेष CL (CL Encashment) सुविधा दी जाए। सिविल विभाग की लचर व्यवस्था को सुधारने के साथ ठेका मजदूरों से जबरन काम कराने की प्रथा बंद की जाए।

संघ के नेताओं ने आरोप लगाया कि खदान अधिकारी लगातार मजदूरों के खून-पसीने से खेल रहे हैं। ठेका मजदूरों का शोषण और स्थायी मजदूरों की सुविधाओं की कटौती अन्याय है। नेताओं ने ऐलान किया कि यदि प्रबंधन ने तुरंत ठोस कदम नहीं उठाए तो आंदोलन का दायरा बढ़ाकर सिविल विभाग घेराव से लेकर खदान बंदी तक की रणनीति अपनाई जाएगी। इस मौके पर संघ के प्रमुख नेता अफताब आलम, इंतखाब आलम, दयानंद कुमार, अमित राउत, सोमनाथ साहू, आलम अंसारी, कुलदीप सिंह, अमरनाथ यादव, कामता प्रसाद, राजेश बनर्जी, अजीत गोप, राम हेस्सा, शैलेश बारी, अमर ज्योति, राज नारायण शर्मा, शशि नाग, नसीम, बिलारमन कंडुलना समेत बड़ी संख्या में मजदूर मौजूद रहे। सभी ने एक स्वर में घोषणा की कि जब तक प्रबंधन मजदूरों की समस्याओं का समाधान नहीं करता, तब तक संघर्ष जारी रहेगा।

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