तकरीबन 11 लाख की जिले की आबादी के लिए मात्र एक दिन उपलब्ध होंगे चिकित्सक ; यक्ष प्रश्न: क्या जिले में ध्वस्त हो चुकी है चिकित्सा व्यवस्था; क्या सरकारी अस्पतालों में नहीं हो रहा है इलाज ?
गुड फेथ में शामिल होने के लिए जिला प्रशासन ने शिक्षकों को भी नहीं बख्शा, मेगा स्वास्थ्य मेला के लिए गैर शैक्षणिक कार्य में प्रति नियोजित किए गए 313 शिक्षक।
बहरहाल मेगा स्वास्थ्य मेला के आयोजन की वास्तविकता को देखी जाए तो एक प्रकार से कहा जा सकता है कि जिले में स्वास्थ्य सुविधा और सेवा नाम की चीज लगभग ध्वस्त हो चुकी है। जिसे पाटने के लिए मेगा स्वास्थ्य मेला जैसे आयोजन की आवश्यकता पड़ रही है। जहां मात्र एक दिन में 350 चिकित्सक मेगा स्वास्थ्य मेला में जिलेभर से आने वाले मरीजों का जांच और इलाज करेंगे। जिससे ऐसा प्रतीत हो रहा है कि लगभग 11 लाख की आबादी वाले जिले में सभी बीमार हैं। और सभी को इलाज की आवश्यकता है। लाखों रुपए के खर्च पर आयोजित हो रहे उक्त मेगा स्वास्थ्य मेला के लिए प्रत्येक प्रखंड से लोगों को वाहन के माध्यम से लाने ले जाने की तैयारी है। जिसमें 60 से 70 बसों सहित 20 से 25 छोटे यात्री वाहनों का उपयोग किया जा रहा है। मेगा स्वास्थ्य मेला में भव्य तरीके से स्टॉल तैयार किए गए हैं। जिसमें सामान्य स्वास्थ्य जांच, शिशु रोग विशेषज्ञ, महिला रोग विशेषज्ञ, दांत के डॉक्टर, कैंसर रोग विशेषज्ञ, हड्डी रोग विशेषज्ञ, हृदय रोग विशेषज्ञ, त्वचा चिकित्सक, जठरांत्र रोग विज्ञान, स्नायु विशेषज्ञ, मूत्र रोग विशेषज्ञ, नेत्र रोग विशेषज्ञ, मधुमेह रोग विशेषज्ञ और रक्त परीक्षण इलाज सहित रोगों के प्रति जागरूकता के कार्यक्रम प्रस्तावित हैं। जबकि स्वास्थ्य विभाग के अनुसार जिले में उक्त सभी जांच और स्वास्थ्य सेवाएं तथा इलाज की सुविधा सरकारी अस्पतालों में उपलब्ध है।
सरकारी विद्यालय के शिक्षकों को गैर शैक्षणिक कार्य से मुक्त रखने का विभागीय निर्देश लगातार मिलता रहा है। बावजूद इसके शिक्षकों से अछूता क्षेत्र मेगा स्वास्थ्य मेला के सफल संचालन के लिए जिले भर के 313 शिक्षकों को मेगा स्वास्थ्य मेला में जिला प्रशासन द्वारा प्रतिनियोजित किया गया है। शिक्षकों को बमुश्किल रविवार का एक अवकाश पर भी प्रतिनियोजन का डंडा चलने से उनमें भी आक्रोश देखा जा रहा है।
सुदूरवर्ती क्षेत्रों में आयोजन का हो सकता था लाभ :
जिले के सुदूरवर्ती और पिछड़े सहित विशेष रुप से उग्रवाद प्रभावित क्षेत्रों में मेगा स्वास्थ्य मेला जैसे आयोजन की प्रासंगिकता बताई जा रही है। जहां लोग स्वास्थ्य सुविधाओं से वंचित रह रहे हैं। सरायकेला में इतने व्यापक पैमाने पर मेगा स्वास्थ्य मेला जैसे आयोजन पर जानकारों द्वारा प्रश्न चिन्ह लगाया जा रहा है। दबे जुबान में इसकी विशेष चर्चा हो रही है कि स्वास्थ्य मेला के नाम पर लोगों को स्वास्थ्य सुविधा देना या फिर कुछ और खिचड़ी पकाने की तैयारी है।
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Saraikela kharsawan