ग्रामीण विकास विभाग झारखण्ड सरकार के प्रधान सचिव के पास जगन्नाथपुर प्रखंड विकास पदाधिकारी सत्यम कुमार का मामला पहूंचा, हटाने की हुई मांग

 ग्रामीण विकास विभाग झारखण्ड सरकार के प्रधान सचिव के पास जगन्नाथपुर प्रखंड विकास पदाधिकारी सत्यम कुमार  का मामला पहूंचा, हटाने की हुई मांग



15 वें वित्त अयोग की योजनाओं एवं अन्य सभी लाभुकों को मिलने वाली विकास कार्यों के आवंटन में 15,000/ की वसूली की जाने का है आरोप

झारखंड आदोलनकारी व जगन्नाथपुर प्रखंड के ग्रामीणों नें सौंपी शिकायत पत्र

santosh verma

Chaibasa ः ग्रामिण विकास विभाग झारखंड सरकार के प्रधान सचिव को जगन्नाथपुर प्रखंड विकास पदाधिकारी सत्यम कुमार के काले कारनामे और किए जा रहे कमिशन की अवैध वसूली आदी मामले को लेकर झारखंड आंदोलनकारी के प्रतिनिधियों नें जगन्नाथपुर प्रखंड के ग्रामीणों की मांग को लेकर शिकायत पत्र सौपतै हुए जगन्नाथपुर से हटाने की मांग ची है. सत्यम कुमार, प्रखण्ड विकास पदाधिकारी,जगन्नाथपुर, पश्चिमी सिंहभूम, चाईबासा के द्वारा किए जा रहे भ्रष्टाचार कार्यों एवं बिचौलियों के द्वारा अवैध कमिशन वसूली करने की जांच राज्य स्तरीय संस्थान से कराने तथा जांच प्रक्रिया शुरू होने से पहले अन्यत्र स्थानांतरण करने के सम्बन्ध में.

मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन से भी शिकायत करते हुए कहा की हम सभी प्रखण्ड की जनता तथा झारखण्ड आंदोलनकारी आपका ध्यानाकर्षित करते हुए कहना चाहता हूं कि कोल्हान की धरती के सबसे चर्चित एवं पिछड़ा जगन्नाथपुर प्रखण्ड के प्रखण्ड विकास पदाधिकारी सत्यम कुमार के भ्रष्ट कार्यशैली से आपकी जनता त्राहिमाम है। श्री कुमार कम समय में जगन्नाथपुर की जनता का शोषण करने तथा प्रत्येक जनउयोगी योजना में लाभुकों से अपने बिचौलियों के द्वारा वसूली करवाने में कोई कसर नहीं छोड़ा है। जनता को आपसे बहुत उम्मीद है, हेमन्त है तो हिम्मत है। लेकिन आपके सरकार के अधीन ग्रामीण विकास विभाग में सत्यम कुमार जैसे लोगों की कोल्हान के इस वीर शहीदों की धरती में लुट मचाने की छूट दी गई है।

1. 15 वित्त अयोग की योजनाओं एवं अन्य सभी लाभुकों को मिलने वाली विकास कार्यों के आवंटन में 15,000/ की वसूली की जा रही है।

 2. जिला स्तर की योजनाओं की भौतिक सत्यापन में प्राक्कलित राशि का एक प्रतिशत राशि संवेदकों से वसूली की जा रही है, जो संवेदक उनकी डिमांड पूरा नहीं करते हैं, उनकी रिपोर्ट ठंडे बस्ते में डाल दिया जाता है।

3. सबसे दुर्भाग्यपूर्ण बात यह है कि आदिवासी जनता को जंगली कहना और उसके साथ अभद्र भाषा का इस्तेमाल करना, तथा शोषण करने की घटना हो रही है। शिकायत दर्ज कराने वाले को FIR करने की धमकी देकर चुप कराया जाता है।

4. प्रत्येक जन्म प्रमाण मृत्यु प्रमाण पत्र निर्गत करने हेतु एजेंट द्वारा एजेंट द्वारा 500 से ₹2000 तक की मांग की जाती है एवं कई तरह की त्रुटि बता कर परेशान किया जाता है।

श्री कुमार की आय से अधिक सम्पत्ति अर्जित करने की भी सूचना है। सभी उल्लेखित बिंदुओं पर गंभीरता से ध्यान रखते हुए इनके विरुद्ध उच्च स्तरीय निगरानी जांच कराने की आवश्यकता है। आग्रह है कि यथाशीघ्र श्री कुमार को हटाने एवं भ्रष्टाचार मुक्त झारखण्ड बनाने के लिए उच्च स्तरीय निगरानी जांच गठित करने की कृपा करें।उक्त मांग पत्र मुख्य सचिव, झारखण्ड सरकार रांची, उपायुक्त, प० सिंहभूम को सूचनार्थ एवं आवश्यक कार्रवाई हेतु प्रेषित।

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