साई स्पंज कंपनी नवागाँव झीकंपानी प्रबंधन द्वारा नियमों के विरूद्ध कार्य करने एवं गाँव में हो रहे नुकसान को लेकर ग्रामिणों नें किया प्रदर्शन


मुख्यमंत्री के नाम सौंपा- प्रखण्ड विकास पदाधिकारी झीकपानी को मांग पत्र


चाईबासा ( संतोष वर्मा ) : साई स्पंज कंपनी नवागाँव झीकंपानी प्रबंधन द्वारा नियमों के विरूद्ध कार्य करने एवं गाँव में हो रहे नुकसान को लेकर ग्रामिणों नें अखिल भारतीय क्रांतिकारी संघ के बैनर तले ग्रामीणों नें किया प्रदर्शन।इससबंध में मुख्यमंत्री के नाम शिकायत पत्र प्रखंड विकास पदाधिकारी झीकपानी को सौंपा मांग पत्र।इस सबंभ में कहना है कि साई स्पंज कम्पनी प्रबंधन द्वारा लापरवाही एवं नियमों को ताक पर रख कर चलाये जाने के कारण हम सभी ग्रामीण परेशान होकर 06 अप्रैल को ग्राम नवागाँव से प्रखण्ड कार्यालय झीकंपानी तक पद यात्रा कर प्रखण्ड विकास पदाधिकारी झीकपानी को ज्ञापन सौपा जाना था परन्तु दुर्भाग्य से झारखण्ड राज्य के शिक्षा मंत्री के निधन होने के कारण ज्ञापन सौपा नहीं जा सका जिसे प्रखण्ड विकास पदाधिकारी को ज्ञापन सौंप रहे हैं और मामले को माननीय मुख्यमंत्री को संज्ञान में देते हुए उचित कार्यवाही करने का अपेक्षा रखते है:-


(1) यह कारखाना वर्ष 2004 से ही चालु होकर लगातार उत्पादन कर रहा है और करोडो का मुनाफा कमा रहा है परंतु गाँव एवं मजदूरी का जो विकास करना चाहिए था वह नहीं हुआ। मजदूरों को गुलामो की तरह काम कराते है उनको न्यूनतम मजदूरी नही देते है यहाँ तक की गाँव मे पीने का पानी चिकित्सा शिक्षा, खेल की सुविधा भी आज तक नहीं दिए।
कंपनी प्रबंधन आजतक पावर प्लाट के निर्माण मे अबतक कोई भी कार्य नही किया है जबकि प्लांट 2004 से चल रही है। पावर प्लाट नही बैठाने से डिस्चार्ज में मेटेरियल का निस्तारण करना जो कि कंपनी प्रबंधन की मजबूरी है उसपर भी कंपनी झारखण्ड राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के नियमों का उल्लंघन कर रही है और चाईबासा से झींकपानी तक जाने वाली सड़क के किनारे जगह-जगह डिस्चार्ज मेटेरियल क डम्प कर रही है जिससे आने-जाने वाली राहगीरों को उड़ने वाली धूल से परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। क्या यह देखना जिला प्रशासन एवं प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड की जिम्मेदारी नहीं है, ग्रामीण यह भी जानना चाह रही है कि जो डिस्चार्ज मेटेरियल को खुले में जगह-जगह सड़क के किनारे डम्प कर रही है क्या इसे डम्प करने के लिए प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड द्वारा कोई नियम कानून तय है या नहीं ? और अग कम्पनी प्रबंधन प्रदूषण नियंत्रण के नियमों का इतना उल्लंघन कर रही है तो क्या प्रदूषण नियंत्रण विभाग अबतक इस पर कोई कार्यवाही क्यों नहीं की है ? 
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कम्पनी अपने उत्पादन के दौरान मुख्य चिमनी से बेखौप काला धुआँ छोड़ते रहती है जो रात के वक्त और अधिक तेज हो जाती है जिससे पास के गाँवों में बर हजारों जाता के घरों के छतों एवं कमरे के अंदर तक और गाँव के सामूहिक तालाब के जल के उपर काल डस्ट की परत जमी रहती है और कंपनी द्वारा छोड़ी गई इस डस्ट के साथ ही ग्रामीण जीवन जीने क विवश और मजबूर है। ऐसे में माननीय मुख्य मंत्री का स्वास्थ्य झारखण्ड समृद्ध झारखण्ड का सपना कै साकार हो पायेगा। तो क्या माननीय मुख्य मंत्री के सपनों के आगे कम्पनी प्रबंधन की मनमानी भारी है ?

(3) व्यावसा कम्पनी प्रबंधन ग्रामीण विकास विभाग द्वारा निर्मित सड़क पर व्यवसायिक वाहनों का परिचालन चला रही है। जिससे सडक पुरी तरह जर्जर हो गई है। आन्दोलन के दौरान ग्रामीण विकास विभाग से जानकारी हासिल करने पर यह भी पता चला कि विभाग द्वारा कम्पनी प्रबंधन को व्यवसायिक वाहन चलाने का अनुमति नहीं दी गई है। तक किस आधार पर कम्पनी प्रबंधन ग्रामीण सड़क का इस्तेमाल व्यवसायिक वाहन चलाने के लिए कर रही है।

(4) प० सिंहभूम का झींकपानी क्षेत्र जलवायु के हिसाब से कम बारिश का क्षेत्र है। इस परिस्थिति में यहाँ चल रहे उद्योगों द्वारा ग्रामीणों का जल उपलब्ध कराना चाहिये था। परन्तु साई स्पंज कम्पनी प्रबंधन द्वारा कम्पनी परिसर के अन्दर 5-5 डिप बोरिंग कर उसके जल से कम्पनी चलाने का कार्य कर रही है। जिससे आस-पास के क्षेत्रों का भूमिगत जल स्तर काफी नीचे चला गया है। और ग्रामीण बुँद बुँद जल के लिए मोहताज है। कम्पनी के समर्थन में जुड़े कुछ ग्रामीणों को जीवन जीने की यह सुविधा उपलब्ध करवा देती है। लेकिन बाकि ग्रामीण इस सभी परेशानियों के साथ जिन्दगी जीने को मजबूर और विवश हैं। ऐसा नहीं है कि हमारा संगठन कम्पनी के खिलाफ है। हमारा संगठन प्रबंधन से बात भी करने का प्रयास किया है लेकिन विभागीय स्तर पर अपना पैठ रखने का अभिमान इतना अधिक है कि कम्पनी द्वारा हर बार एक ही बात रखी जाती है कि आन्दोलन हुआ तो कम्पनी बन्द कर दी जायेगी तो क्या इस परिस्थिति में प्रबंधन द्वारा नियमों को ताक पर रख कर कम्पनी के अन्दर काम करने वाले 100-150 मजदूरों के लिए हजारों परिवारों का जीवन खतरे में डाला जा सकता है ?मुख्य मंत्री जी को सारे परिस्थितियों से अवगत कराते हुए विनम्र निवेदन करना चाहूँगा कि माननीय मुख्यमंत्री जी मामले को व्यतिगत रूप से देखते हुए हमें इन समस्याओं से निजात दिलाने की कृपा करें।

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