बिजली बिल, पेयजल और रोजगार मांगने पर तीनों जिला परिषद जोन निरन गुण्डा (झींकपानी), मानसिंह तिरिया (जगन्नायपुर), माधव चन्द्र कुंकल (मंझारी) समेत 300 ग्रामीणों पर केस क्यों ?
चाईबासा ( संतोष वर्मा ) : प० सिंहभूम जिला जो पूरे भारत देश का सबसे धनी जिल्ला होते हुए भी आजादी के 75 वें साल (अमृत महोत्सव) और झारखण्ड राज्य बनने के बाद 23 साल बाद भी पीने का पानी के लिए लोग तरस गए हैं, बिजली बिल से परेशान है, बेरोजगार काम की तलाश में पलायन कर रहे हैं। इन्ही समस्याओं पर पूर्व में उपायुक्त और अनुमण्डल पदाधिकारी को सूचना देकर दिनांक 25.05.2023 को उपायुक्त चाईबासा को जुलूस के माध्यम से शान्तिपूर्ण ज्ञापन सौंपा गया। उपायुक्त प० सिंहभूम के द्वारा बुलाकर धन्यवाद देना था परन्तु ऐसा नहीं कर तीनों जिला परिषद जोन मिरन मुण्डा (झींकपानी), मानसिंह तिरिया (जगन्नाथपुर), माधव चन्द्र कुकल (मझारी) समेत 300 ग्रामीणों के उपर झूटा आरोप लगाकर FIR दर्ज किया गया हैं।
महामहिम का ध्यानआकृष्ट करते हुए कहना चाहते है कि आप अपने सम्बोधन में कह है कि देश में जल की संख्या क्यों बढ़ रही है और जेलों में आदिवासी दलित ही क्यो सबसे ज्यादा बन्द हैं? इसका जीता जागता उदाहरण चाईबासा जेल भी है जहाँ आदिवासी 80 % से ज्यादा बन्द है। इसका मूल कारण यही है कि यहाँ छोटे नोट मामलों में या झूठे मामलों में या फिर हक आकार की बात रखने वाले आदिवासीयों को जेल में डाला जाता है। प० सिंहभूम खनिज सम्पदा से भरा पड़ा और 80 % से ज्यादा आदिवासियों का जनसंख्या है जो आज भी काफी पिछड़े हैं। यहाँ में आधिकारी लाखों करोड़ों रूपये घुस देकर आते हैं और सरकारी योजनाओं में चोटाला कर चले जाते हैं। पूर्व में पo सिंहभून चारा घोटाला 6-6 माह का रेक पर रेक गरीबों का राशन घोटाला उदाहरण है और जबसे झारखण्ड बना है आयरन और घोटाला, कागज़ पर तालाब निर्माण, जल मीनार शौचालय एवं सड़क निर्माण सभी जगह देखा जाए तो घोटाला ही घोटाला है। निर्माण कार्य में मजदूरों का न्यूनतम मजदूरी नहीं मिल रही है। खदान कारखाना में कार्यरत मजदूरों का पी०एफ० घोटाला चल रहा है। कोल्हान से तीन-तीन मुख्यमंत्री (मधु कोड़ा, अर्जुन मुण्डा तथा रघुवर दास) हुए लेकिन कोल्हान का विकास नहीं हुआ। आज भी सभी सप्ताहिक हाट बाजार में देखा जाए तो आदिवासी को लकड़ी, दातुन पत्ता हडिया बेचते हुए नजर आएंगे। आज भी ACC कम्पनी झींकपानी, टाटा माईन्स नोवामुण्डी, रुँगटा माईन्स गुवा, सेल माइन्स किरीबुरू चिडिया-गुवा, शाह ब्रदर्श माइन्स करमपदा रेलवे साईडिंग जामदा को देखा जाए जहाँ लौह अयस्क का व्यापार चलता है। लेकिन उतना ही भूख और गरीबी का नजारा दिखता है। उषा मार्टिन द्वारा तो 30 हजार करोड़ रूपये का घोटाला और जस्टिस बी०एम० साह की जाँच तथा विजय माल्या, नीरव मोदी की तरह राजीव झावर दोनों बाप-बेटा देश छोड़ कर भाग गये। इस क्षेत्र में जेएमएम, कॉंग्रेस, भाजपा सभी को विधायक सांसद बनने का मौका मिला लेकिन भूख और गरीबी खत्म करने एवं हर खेत में पानी पहुंचाने का काम नहीं किये जरूर सभी जनप्रतिनिधि करोड़पति हो गए।
प० सिंहभूम में एक तरफ माओबादी, पी०एल०एफ०ए० उग्रवादी संगठन हथियार के बल पर आन्दोलन चला रहे हैं करोड़ों का लेवी वसूल रहे हैं और पुलिस मुठभेड में मारे जा रहे है। दूसरी तरफ टाटा सँगटा जैसे कम्पनीयाँ जंगल पहाड़ को काट कर लूट रहे हैं और विकास का दावा कर रहे हैं। इस तरह से पढ़ सिंहभूम (झारखण्ड) में दो उग्रवादी संगठन कार्यरत एक जंगल में और दूसरा ए०सी० रूम में बैठकर काम कर रहे हैं और दोनों ही गरीबों के हक की हत्या कर रहे हैं। हम लोग देखते हैं कि जिला में आज भी लोग चूँआ और नाला का गंदा पानी पीने को मजबूर हैं लोग बिजली बिल से परेशान हैं और नवजवान पलायन कर रहे हैं तो पूर्व में उपायुक्त चाईबासा और अनुमण्डल पदाधिकारी सदर चाईबासा को सूचना देकर दिनांक 25.05 2023 को शांतिपूर्ण जुलूस निकालकर उपायुक्त चाईबासा के माध्यम से माननीय प्रधानमंत्री एवं मुख्यमंत्री को ज्ञापन दिया लेकिन इसपर हम तीनों जनप्रतिनिधियों समेत 300 ग्रामीणों के उपर कैस करना ऐसा लगता है जैसे रोन जल रहा था और नीरो बांसुरी बजा रहा था का इतिहास को दोहराया जा रहा है। हम इस जिला का भूख और गरीबी के साथ सरकारी योजनाओं में हो रहे घोटालों पर काफी चिन्तित हैं। इसलिए इस जिला का विकास के लिए हर खेत को पानी, हर हाथ को काम एवं पेयजल और बिजली बिल जैसे समस्याओं का लगातार लोकतांत्रिक रूप से महात्मा गाँधी जी के रास्ते से चल कर आवाज उठाते रहेंगे।
अतः महामहिम गाँधी मैदान चाईबासा में गाँधी जी के प्रतिमा के समक्ष 24 घण्टा का मौन व्रत (मुँह में काला पट्टी बाँधे) उपायुक्त चाईबासा द्वारा लगाए गए गलत आरोपों की जाँच करने एवं तीनों जिला परिषदों समेत 300 ग्रामीणों के उपर हुए केस को वापस लेने का माँग करते हैं ताकि धनी जिला में सर्वागिन विकास हो और लोकतंत्र भी मजबूत हो।