चाईबासा ( संतोष वर्मा ) : जिले के लगभग सभी चापाकलों और कुओं का जलस्तर लगातार नीचे गिरता जा रहा है. यही कारण है ग्रामीण क्षेत्रों में लोगों को रात रातभर जागकर घंटो इंतजार करने के बाद भी पानी नहीं मिल रहा है. मंझारी प्रखंड के सालीसाई गांव के ग्रामीणों ने अपनी समस्याओं को लेकर शनिवार को जिला परिषद सदस्य माधव चंद्र कुंकल की अध्यक्षता में बैठक की. इस दौरान पेयजल के समस्या से नाराज होकर ग्रामीणों ने विरोध स्वरूप मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन, पेयजल मंत्री मिथलेश ठाकुर और मझगांव विधानसभा के विधायक निरल पूर्ति का शव यात्रा निकालकर खराब पड़े चापाकल के पास पुतला दहन किया. माधव चंद्र कुंकल ने कहा की सरकार जिस तरीके से शिथिल है. उसी प्रकार विभाग के पदाधिकारी भी शिथिल है।
विभाग को लिखित आवेदन देने के बाद भी नहीं होती कार्रवाई
पेयजल की समस्या के निदान के लिए लिखित आवेदन विभाग को देने पर भी कोई कार्रवाई नहीं होती. इस सरकार में मंत्रियों के लिए 10 करोड़ खर्च कर बंगला बन सकता है. लेकिन खराब चापाकल का पाइप बदलने के लिए पैसा खर्च नहीं हो सकता. कितने दुर्भाग्य की बात है की देश में आजादी का अमृत महोत्सव मनाया जा रहा है, लेकिन आदिवासी बहुल क्षेत्र के लोग आजादी के 75 सालों के बाद भी एक-एक बूंद साफ पानी के लिए संघर्ष कर रहे हैं. आनंद बिरुवा, रूप सिंह बिरुवा, प्रदान बिरुवा के घर के पास स्थित कुंआ सुख गया है. सोमा बिरुवा के घर के पास चापाकल खराब है. रामेश्वर बिरुवा घर के पास जलमीनार खराब है।
एक डेकची पानी भरने में लगता है एक घंटा का समय
प्राथमिक विद्यालय सालिसाई के पास स्थित चापाकल से एक डेकची पानी भरने के लिए एक घंटा का समय लगता है. ग्रामीणों को दूर अगल-बगल गांव से पानी भरने के लिए जाना पड़ रहा है और विभाग मौन है. पेयजल के समस्या के विरुद्ध आगामी 22 जून 2023 को हजारों की संख्या में ग्रामीण डेकची, बर्तन के साथ प्रखंड कार्यालय का घेराव कर विरोध दर्ज कराएंगे. मौके पर चुइया गोप, रामेश्वर बिरुआ, घनश्याम बिरुवा, सर्द सिंकू, घासीराम बिरुवा, आशामती बिरुवा, पंतुस बिरुवा, संजीर डेंकेल, मुक्ता बिरुवा, सीता बिरुवा, सूत्री बिरुवा, जानकी बिरुवा, सिकुर बिरुवा, नानिका बिरुवा, राधिका बिरुवा, लक्ष्मी बिरुवा आदि मौजूद थे।