चाईबासा ( संतोष वर्मा ) : आज टाटा कम्पनी खदान के गेट में दूसरे दिन के 48 घंटे के भूख हड़ताल में अखिल भारतीय क्रांतिकारी आदिवासी महासभा के केंद्रीय अध्यक्ष उपस्थित होकर सभा को सम्बोधित किया। जॉन मिरन मुंडा ने कहा की टाटा जी अंग्रेज के क्लर्क के रूप में आये थे और nowamundi में लौह आयस्क का खोज किया। टाटा जी आज दुनियाँ के धनी बेयक्ति हो गए लेकिन nowamundi के लोग गरीब हो गए। यहाँ के लोग अगर लकड़ी दातुन, हंडिया नहीं बेचेंगे तो भूखे मर जायेंगे। आज यहाँ के लोंगो को मल मूत्र का गन्दा पानी पीने को मजबूर है इसपर किसी को ध्यान नहीं है।
8-10 लाख रूपये में नौकरी बिक रही हैं।
उड़ीसा के 25 आदमियों को उसी आधार पर बहाल किया गया है। यहाँ के गरीब आदिवासी लाख लाख रूपये कँहा से लाएगा। उसके अलावा ठेका मजदूरों का हर माह 4-5 हजार रूपये कमीशन के रूप में काटा जाता है। खदान में बिहार के औरंगाबाद से मजदूरों को ज्यादा लिया गया है। ऐसे में पलायन होना स्वाभाविक है। टाटा कम्पनी अगर नदी नाला को चैक डैम बनाकर किसानो के खेतो में पानी पंहुचा देते तो इससे भी यहाँ का गरीबी दूर हो जाता। लेकिन यहाँ कोड़ा दम्पति सिर्फ टाटा जी को दामाद की तरह सेवा दें रहें हैं। आगामी 25/07/2023 को उपायुक्त के माध्यम से धरना देकर प्रधानमंत्री जी को ज्ञापन दिया जायेगा।