पश्चिमी सिंहभूम जिला कमेटी नें केंद्र नेतृत्व को कर चुका सपष्ट अगाह
चाईबासा/संतोष वर्मा : 2024 लोकसभा चुनाव के पहले इंडिया गठबंधन को झटका पर झटका लग रही है।वहीं भाजपा के द्वारा आमुमन लोकसभा चुनाव में उतरने वाले प्रत्याशियों की सुची जारी कर दी गई है, और भाजपा प्रत्याशी चुनावी दंगल में कुद भी पड़ी है। लेकिन इंडिया गठबंधन को या तो प्रत्याशी नहीं मिल पा रही है या सिट बंटवारा में समझौता नहीं हो पा रहा है जिसके कारण अब तक प्रत्याशियों की घोषणा करने में विलंब हो रही है।
यदी झारखंड की बात करेतें तो यहां अंदर अंदर इंडिया गठबंधन सरकार में भी कुछ गड़बड़ चल रही है जिसके कारण टिकट शेयरिंग नहीं हो रहा है।कारण यह भी माना जा रहा है की गठबंधन दल में कांग्रेस और झामुमो तथा राजद मुख्यरूप से है। कहीं कहीं कांग्रेस की परपरागत सिटिंग सिट है। तो कहीं झामुमो सीट को लेकर अड़े है। अब सिंहभूम सिट की बात कड़े तो अबतक भाजपा प्रत्याशी गीता कोड़ा काफी भाड़ी पर रही है।
वहीं सिंहभूम सिट पर कांग्रेस भी अपना दबा ठोख रही है तो झामुमो नें भी सिंहभूम और पूर्वी सिंहभूम सिट पर चुनाव लड़ने की तेयारी में है लेकिन प्रत्याशी कौन होगा केसा होगा यह अब तक तय नहीं हो पाया है। लेकिन सिंहभूम लोकसभा क्षेत्र से इंडिया गठबंधन के प्रत्याशी जेएमएम से होना तय माना जा रहा है।जहां हो प्रत्याशी का मांग है।
लेकिन पश्चिमी सिंहभूम जिला कमेटी की ओर से केंद्रीय नेतृत्व को दो नाम पर प्रस्ताव भेजा गया है जिसमें चक्रधरपुर विधायक सल जिलाध्यक्ष सुखराम उरांव और जिला सचिव सोनाराम देवगम का नाम शामिल है। वहीं झामुमो जिला संगठन के द्वारा केंद्रीय नेतृत्व को यह भी सपष्ट रूप से सुचना दे दी गई है की कहीं बाहरी प्रत्याशी को सिंहभूम लोकसभा क्षेत्र का प्रत्याशी बनाया गया तो संगठन में रार होना तय है और पश्चिमी सिंहभूम जिला झामुमो संगठन किसी सुरत पर स्वीकार नहीं करेगी।
शायद खरसांवा विधायक दशरथ गगराई पर निशाना साधते हुए ये बातें कही जा रही है। वहीं यह बात भी चर्चा में है की सिंहभूम लोकसभा क्षेत्र हो बहुल क्षेत्र है इसलिए हो प्रत्याशी ही होनी चाहिए वैसे में सुखराम उरांव नहीं तो सोनाराम देवगम प्रत्याशी हो सकतें है और पार्टी दाव लगा सकती है।