आदिवासी हो महासभा को दो गुट में बांटने की भाजपा की कोशिश नाकाम : मंगल सिंह


चाईबासा/संतोष वर्मा : भारतीय जनता पार्टी के द्वारा विशेष कर मधु एवं गीता कोड़ा दम्पत्ति द्वारा आदिवासी वोट को बांटने के लिए आदिवासी हो महासभा को दो गुट में बांटने और तोड़ने की कोशिश को पूरी तरह से जनता ने नाकाम कर दिया है. उक्त बातें झारखंड आंदोलनकारी नेता और जगन्नाथपुर विधानसभा के पूर्व विधायक मंगल सिंह बोबोंगा ने कही. उन्होंने कहा कि आज पुरा देश में आदिवासी एक जुट हो गए हैं. मणिपुर की घटना को आदिवासी समुदाय कभी नहीं भुला सकता है. आदिवासी समाज के सभी तबका के लोग मणिपुर में आदिवासी समुदाय के लोग पर अत्याचार और जुल्म ढाने का बदला इस चुनाव में भाजपा के खिलाफ वोट कर के लेने वाले हैं.

झारखंड में जेएमएम ही आदिवासियों का हितैषी है. इसे अबुआ पार्टी मानते हैं और आबुआ नेता के रूप मात्र दिशोम गुरु शिबू सोरेन हैं. आदिवासी की पहचान तीर धनुष है. झारखंड में बीजेपी आदिवासी समाज को बांटने का प्रयास कर रही है, जिसे आदिवासी समाज के पढ़ा लिखा युवा वर्ग के लोग डोर टू डोर कैंपेन करके एकजुट कर रहे हैं. इसके लिए समाज के युवा पीढ़ी को हम धन्यवाद करते हैं. आज भाजपा 10 साल की उपलब्धि को गिनाने में नाकाम है, मात्र हिन्दू-मुस्लिम का मुद्दा बना कर फिर से सत्ता में आने का प्रयास कर रही है.

मंगल सिंह बोबोंगा ने यह भी कहा कि बीते दो चरणों के मतदान में भाजपा की हालत खराब होने से मोदी, अपने भाषण में सांप्रदायिक सौहार्द बिगाड़ने वाली बोली बोलने लगे हैं. सिंहभूम जिला में झामुमो की प्रत्याशी जोबा मांझी की ईमानदार और सादगी वाला छवि के आगे हजारों करोड़ के घोटाला बाज मधु कोड़ा की पत्नी भाजपा प्रत्याशी गीता कोड़ा पर भारी पड़ रही है. बोबोंगा ने यह भी खुलासा किया कि कुछ निर्दलीय प्रत्याशी को भाजपा फाइनेंस कर रही है. ऐसी सूचना भी मिल रही है कि कुछ निर्दलीय प्रत्याशी को अपने पक्ष में प्रचार प्रसार करने के लिए आर्थिक प्रलोभन भी दिया जा रहा है.


भाजपा अपने चिर परिचित तरीके से धन बल पर आदिवासी वोट को खरीदने और समाज को तोड़ने का काम कर रही है. मैं आदिवासी समाज से कहना चाहता हूं कि आदिवासी एकता बनाए रखने के लिए एक मंच पर आए. बोबोंग ने साफ शब्दों में कहा कि यह चुनाव आदिवासी समुदाय के आने वाली पीढ़ी के भविष्य तय करने वाली है, इस लिए आदिवासी समाज अपने हित में भाजपा के खिलाफ वोट करने का काम करेगी. देश के प्रधानमंत्री पश्चिम बंगाल के संदेशखाली के पीड़िता को वाई श्रेणी की सुरक्षा दे कर यह साबित कर दिया है कि मणिपुर की आदिवासी पीड़िता को हम नहीं जानते हैं और आदिवासी का महत्व भाजपा की नजरों में कुछ भी नहीं है.

महागठबंधन प्रत्याशी जोबा मांझी को जीत दिलाने के लिए सभी कार्यकर्ता पूरी शक्ति के साथ लग जायें. हमें इस बार एतिहासिक जीत दिलाना है. इसमें मझगांव विधानसभा की सबसे बड़ी भागीदारी होनी चाहिए. यह बातें कुमारडुंगी में कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए मझगांव विधायक निरल पुरती ने कहा. उन्होंने कहा कि भारतीय जनता पार्टी पूरे देश को झुठ के बल पर 10 साल तक शासन किया है. चुनाव के समय भी 10 साल में किये गये विकास कार्यों को छोड़ कर धर्म,संप्रदाय और मंदिर-मस्जिद करने में लग गई है.कोई भी दस साल देश में शासन करने के बाद अपने काम के बल पर ही वोट मांग सकते हैं.

देश की जनता के लिए विकास कार्य किये तो उसके लिए वोट मांगे, लेकिन नहीं भाजपा ने दस साल में सिर्फ जुमला का सरकार चलाया है. भाजपा अब भी अपना नारा दे रहे हैं कि 400 पार लाना है. 300 सांसद के साथ सत्ता में रहने वाली पार्टी ऐसा सांसद में कौन का काम नहीं कर पायी जो अब 400 का नारा देने में लग गई है. जरुर देश में बहुत बड़ा बदलाव का सपना भाजपा देख रही है. इसी कारण यह 400 का लक्ष्य रखी है. लेकिन देश की जनता जाग चुकी है. अब भाजपा के झांसे में कोई आने वाला नहीं है. तीन चरण में हुए चुनाव में भाजपा को अपना औकात पता चल गया है. देश का मिजाज भी भाजपा से बदल चुका है. इसलिए महागठबंधन की सरकार भारत में आने वाली है.


इसमें सिंहभूम लोकसभा से महागठबंधन की प्रत्याशी जोबा मांझी को भारी बहुत से जीत दिला कर संसद में भेजना है. विधायक निरल ने कहा कि इसमें मझगांव विधानसभा की भागीदारी सबसे बड़ी होनी चाहिए. झामुमो समेत महागठबंधन के एक-एक कार्यकर्ता इसके लिए लग जायें. हर बूथ से महागठबंधन के प्रत्याशी जोबा मांझी को कम से कम 500 वोट दिलाना है. इस मौके पर चन्द्रमोहन बिरुवा, विजय सिंह बारी, मंगल सिह बिरुवा, रौशन पाट पिंगुवा, समेत अन्य कार्यकर्ता उपस्थित थे.

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