चाईबासा : सोमवार को पश्चिमी सिंहभूम जिला अंतर्गत चाईबासा के कांग्रेस भवन में कांग्रेसियों ने भारत के प्रथम प्रधानमंत्री स्वर्गीय पंडित जवाहरलाल नेहरु की पुण्य तिथि श्रद्धापूर्वक मनाई। इस अवसर पर सर्व प्रथम कांग्रेसियों ने स्वर्गीय पंडित जवाहरलाल नेहरु की तस्वीर पर श्रद्धापूर्वक माल्यार्पण कर दो मिनट का मौन रखकर उनकी आत्मा की शांति हेतु प्रार्थना की। उसके उपरांत वक्ताओं ने बारी बारी से उनकी जीवनी पर बिस्तर से प्रकाश डाला। इसी क्रम में जिला अध्यक्ष चन्द्रशेखर दास जी ने कहा कि राष्ट निर्माता स्वर्गीय पंडित जवाहरलाल नेहरु शांति और समृद्धता के सबसे बड़े समर्थक थे।
उन्हें न सिर्फ राजनीतिक कुशलता के लिए ही नहीं बल्कि बच्चों के बीच प्रसिद्धि के लिए भी जाना जाता है। और बच्चे भी उन्हें बड़े आदर से चाचा नेहरू पुकारते थे। और आगे चर्चा करते हुए दास जी ने कहा स्वर्गीय पंडित जवाहरलाल नेहरु भारत के स्वतंत्रता आंदोलन में अग्रणी भूमिका निभाने वाले नेताओं में से एक थे। उन्होंने भारत की स्वतंत्रता और दुर्भाग्यपूर्ण विभाजन के संबंध में अंतिम निर्णय पर अपनी स्वीकृति देकर देश का भविष्य तय किया। पाकिस्तान के साथ नई सीमा पर बड़े पैमाने पर पलायन और दंगे, भारतीय संघ में 500 के करीब रियासतों का एकीकरण, नए संविधान का निर्माण, संसदीय लोकतंत्र के लिए राजनैतिक और प्रशासनिक ढांचे की स्थापना जैसी विकट चुनौतियों का सामना उन्होंने अत्यंत प्रभावी रूप से किया।
इस अवसर पर अन्य वक्ताओं के रूप में जिला प्रवक्ता जगदीश सुन्डी ने कहा स्वर्गीय पंडित जवाहरलाल नेहरु भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के अध्यक्ष के रूप में चौथी बार चुने गए थे। वहीं उसके भारत के प्रथम प्रधानमंत्री के रूप में एक अंतरिम सरकार का गठन किया गया था। इसके साथ ही 14 अगस्त को वो ऐतिहासिक दिन जब रात शुरू होते ही आजादी का समारोह शुरू हो गया था। इस समारोह के मुख्य वक्ताओं में से एक पंडित जवाहरलाल नेहरु जी भी थे। जिन्होंने आधी रात को कहा " अब हम आजाद हैं " ।जिसे सुनकर हर एक भारतीय की आंखें नम हो गईं थीं।
इस अवसर पर मुख्य रूप से जिला अध्यक्ष चन्द्रशेखर दास, जिला प्रवक्ता जगदीश सुन्डी, ओबीसी जिला अध्यक्ष रंजीत यादव, अल्पसंख्यक जिला अध्यक्ष तोहिद आलम, जिला सोशल मीडिया कार्डिनेटर मोहम्मद सलीम, अल्पसंख्यक जिला उपाध्यक्ष जहांगीर आलम, वरिष्ठ कांग्रेसी सकीला बानो, इम्तियाज खान, सुरेंद्र टोपनो, प्रखंड अध्यक्ष दिकु सावैया, रुप सिंह बारी, सुशील कुमार दास इत्यादि मौजूद थे।