चाईबासा/संतोष वर्मा : पश्चिमी सिंहभूम जिला के जगन्नाथपुर प्रखंड क्षेत्र में डीएमएफटी फण्ड से जलमिनार के नाम पर संवेदक और स्थानिय पदाधिकारी के सांठगांठ पर लूट खसोट किये जाने के कारण आज पेयजलापूर्ती की समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है। उसी तरह मुंडुई पंचायत के अंतर्गत बासुदेवपुर ग्राम में सरकार के जन कल्याणकारी योजनाओं को विचोलिया द्वारा भ्रष्टाचार के भेंट चढ़ा दिया गया है।
बासुदेवपुर ग्राम के सरकारी बड़ा तालाब का जीर्णोधार भूमि संरक्षण विभाग चाईबासा से कुछ माह पूर्व ही जीर्णोधार की गई है। उसी तालाब से लगभग 15 फीट नीचे विष्णु सरदार के नाम से सिंचाई कुंआ स्वीकृत कर बिचौलिया के द्वारा खोदाई किया जा रहा है। जब कि ग्रामसभा उसका योजना को चढ़ाया ही नहीं गया है ना ही लाभुक ग्राम में है। लगभग आठ माह पूर्व से ही लाभुक बैंगलोर में काम करने चला गया है। तो अभिलेख में किसके हस्ताक्षर से योजना को पारित किया गया। अभिलेख में मुंडा का ना ही अनुसंसा है।
सरकारी तालाब के नीचे कुंआ खोदाई कर केनाल को बंद किया जा रहा है। जिससे कई एकड़ जमीन की सिंचाई नहीं हो पाएगी। सबसे बड़ी बात यह है कि लाभुक के जमीन में कुंआ खोदाई नहीं करके सरकारी परती जमीन एवं तालाब का केनाल में खोदाई किया जा रहा है। जिससे ग्रामीणों में रोष व्याप्त है। ग्राम में और लाभुक के नाम से कुंआ खोदाई किया जा रहा है। जो ना ही ग्रामसभा में चढ़ाया गया है और ना ही अभिलेख में मुंडा का अनुंसशा है। तो किस आधार पर ग्रामसभा को सर्वोपरि दर्जा दिया गया है।
रोजगार सेविका एवं प्रखण्ड कर्मी के मिली भगत से योजना को पारित कर सरकारी पैसे का बंदरबांट कर दिया जा रहा है। किस आधार पर तालाब के नीचे कुंआ खुदाई के लिए जियो टैग किया गया है और एक लाभुक के नाम से फरवरी माह में ही पैसे की निक्कासी की गई है परन्तु योजना धरातल पर नही है। सभी महज कुंआ15 से 20 फीट तक ही खोदाई कर पत्थर जोड़ाई किया जा रहा है।