आंदोलन का प्रतिनिधित्व कर रहे रमेश हांसदा ने बताया भूमि सुधार आंदोलन के तहत वर्षों से बसे 51 बस्तियों के बंदोबस्ती करवाने के लिए और झारखंड में 1932 एवं 1964 के बाद सर्वे सेटलमेंट नहीं हुआ है। वह सेटलमेंट करवाने के लिए और सरायकेला खरसावां जिला का अभी भी 50% भुमि पंजी 2 में ऑनलाइन नहीं चढ़ा है जिससे आम पब्लिक बहुत है परेशान हैं। वहीं 1983 सर्वे सेटलमेंट को मान्यता देने के लिए एक विज्ञापन गम्हरिया अंचल अधिकारी को सोपा गया।
वही बताया गया है कि अंचल अधिकारी के अलावा झारखंड के राज्यपाल एवं मुख्य सचिव को भी ज्ञापन सोपा गया है। अगर बातें नहीं मानी गई तो एक महीने के बाद एक बड़ा धरना प्रदर्शन किया जाएगा।
वही पूछे जाने पर की मुख्यमंत्री को इस मामले में ज्ञापन क्यों नहीं सोपा गया पर बताया गया कि मुख्यमंत्री भुमि के मामले में खुद आरोपी हैं उन्हें भुमि का कोई समझ नहीं है। उन्होंने बताया है कि जमीन का यह मामला राजनीतिक मुद्दा बने ताकि आने वाले सरकार में इसको पूरा किया जा सके।