हूल दिवस में सरायकेला में निकला शोभायात्रा, वीर शहीद सिद्धू कान्हू को किया श्रद्धासुमन अर्पित, जिप अध्यक्ष सोनाराम बोदरा ने कहा-1855 का हूल आदिवासी मूलवासी एकता का मिशाल था


सरायकेला/दीपक कुमार दारोघा: हूल दिवस के अवसर पर जिला मुख्यालय सरायकेला में ग्रामीण एकता मंच के बैनर तले निकली शोभायात्रा और सिद्धू कान्हू पार्क में आयोजित जनसभा में जिला परिषद अध्यक्ष सोनाराम बोदरा ने कहा कि 1855 का हूल दिवस आदिवासी मूलवासी एकता का मिशाल था।


उन्होंने कहा 1855 ई. हूल शुदखोरी महाजनी अंग्रेज के खिलाफ लड़ी गई पहला स्वतंत्रता संग्राम भी कहा जा सकता है। आज झारखंड बने 24 साल होने जा रहा है। बाहरी ताकतें आदिवासी मूलवासी एकता को तोड़ने का काम किया है।


बाहरी ताकतें आदिवासी मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को षड्यंत्र के तहत फसाने का भी काम किया है। आदिवासी मूलवासी एक नहीं रहेंगे तो ऐसे बाहरी ताकतें की शिकार बनते रहेंगे। इस राज्य में विकास की रोडमैप जरूरत है। चंद महीना में मुख्यमंत्री चंपाई सोरेन क्षेत्र विकास का ऐसा निर्णय लिया है जो मिलका पत्थर साबित होगा। सर्वजन पेंशन योजना इन्हीं में से एक है। उन्होंने कहा सिद्धू कान्हू के समय की एकता एवं उनके कृतित्व को याद करने का दिन है। इसलिए हर साल हूल दिवस मनाते हैं। ग्रामीण एकता मंच एक मंच देने का काम किया है।


मौके में मंच के संस्थापक अध्यक्ष जवाहरलाल महाली ने कहा कि इतिहास के आईने में 1855 को याद करते तो लगता है अब भी ओर क्रांति की आवश्यकता है। झारखंड को 24 साल हो गया। सरकारी योजना संगठित के अभाव में अंतिम पंक्ति तक नहीं पहुंच पाया है। ग्रामीण एकता मंच संदेश देना चाहता है कि संगठित बने।

कार्यक्रम में अतिथि त्रिविक्रम सिंहदेव, सेवानिवृत शिक्षक चुनूराम सोरेन, पूर्व प्रमुख गोपीनाथ गागराई ने भी संबोधित किया। पूर्व मुखिया रामू मुर्मू ने मंच संचालन किया। ग्रामीण एकता मंच के खेला राम मुर्मू ने स्वागत भाषण दी।


इससे पहले मंच के बैनर तले खरकाई नदी के माजणाघाट से सिद्धू कान्हू पार्क तक शोभायात्रा निकली। शोभायात्रा में पारंपरिक वाद्य यंत्र लिए लोग शामिल थे।

शोभायात्रा सिद्धू कान्हू पार्क पहुंचते ही नाईके ने विधि विधान पूर्वक पूजा अर्चना की। युद्ध के समय उपयोग होने वाले वाद्य यंत्र, साबुआ, टमक, नागड़ा आ: सार की भी पूजा अर्चना हुई। 


इसके बाद अतिथि, गणमान्य, आमजन सिद्धू कान्हू के प्रतिमा पर श्रद्धा सुमन अर्पित किए। पूरे कार्यक्रम में ग्रामीण एकता मंच के नीरेन सोरेन सक्रिय दिखे। उन्होंने कहा कि बिजी शेड्यूल के चलते सीएम चंपाई सोरेन नहीं पहुंच पाए। अंत में उन्होंने उपस्थित लोगों का धन्यवाद ज्ञापन किया। कार्यक्रम में झारखंड आंदोलनकारी सम्मान से सम्मानित राजकिशोर लोहरा सहित माझी बाबा, मुखिया, ग्रामीण,आमजन शामिल थे।

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