झारखंड में सीएम बनने वाले विगत चुनाव में हारे, अबकी बार किसकी बारी जनता करेगी तय


Desk/दीपक कुमार दारोघा: झारखंड राज्य का गठन 15 नवंबर 2000 को हुआ और इसके बाद हुई विधानसभा चुनावों में भारी  राजनीतिक उथल-पुथल रहा,यहां तक कि   झारखंड में मुख्यमंत्री बनने वाले भी चुनाव में हारे हैं। अबकी बार विधानसभा चुनाव 2024 में किसकी वारी तय करेगी जनता।

फिलहाल प्रथम फेज में 43 सीट के लिए 13 नवंबर को मतदान हो चुका है। 38 सीट के लिए मतदान 20 नवंबर को तय है। आगामी 23 नवंबर को निकलेगा रिजल्ट।

सूत्रों के मुताबिक जनता ने 2009 में झारखंड के कद्दावर नेता शिबू सोरेन को भी नकार दिया था। तामाड विधानसभा उपचुनाव में वह हार गए थे। वह तीन बार झारखंड के सीएम रहे। वर्ष 2005 में 2 मार्च से 10 मार्च तक सीएम रहे। दूसरी बार 2008 27 अगस्त से 18 जनवरी 2009 तक सीएम रहे। वह विधायक नहीं बन पाने के कारण कुर्सी छोड़ दी। जनवरी 2009 में कुर्सी छोड़ दी। 19 जनवरी से 30 दिसंबर 2009 तक राष्ट्रपति शासन रहा।

तीसरी बार भाजपा के साथ मिलकर सरकार बनाई और दिसंबर 2009 में शिबू सोरेन फिर सीएम बने।
बाद में 30 मई 2010 को कुर्सी छोड़ दी। भाजपा ने समर्थन वापस ले ली और उन्होंने कुर्सी छोड़ दी।
राज्य में 1 जून से 11 सितंबर 2010 तक राष्ट्रपति शासन रहा। इसके बाद सितंबर 2010 से  अर्जुन मुंडा राज्य के मुख्यमंत्री बने। कुछ वर्ष बाद 12 जनवरी 2013 से 13 जुलाई 2013 तक राष्ट्रपति शासन लगा। राज्य से राष्ट्रपति शासन हटने के बाद कांग्रेस, राजद, झामुमो गठबंधन से सरकार बनी। और 15 जुलाई 2013 को हेमंत सोरेन सीएम बने।

वर्ष 2014 के विधानसभा चुनाव में पूर्व सीएम अर्जुन मुंडा खरसांवा विधानसभा सीट से हार गए। पूर्व सीएम हेमंत सोरेन दो जगह से उम्मीदवार थे। एक स्थान से जीते पर सरकार नहीं बना पाए। वर्ष 2014 के चुनाव के बाद रघुवर दास सीएम बने। वर्ष 2019 के चुनाव में रघुवर दास अपने पारंपरिक सीट(जमशेदपुर पूर्वी) से हार गए।
अब 2024 के विधानसभा चुनाव में कई पूर्व मुख्यमंत्री भी चुनावी मैदान में है।

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