आदिवासी किसान मजदूर पार्टी के प्रत्याशी की मजबूत स्थिति से झामुमो को भारी नुकसान होने का अनुमान जताया जा रहा है

मझगांव विधानसभा चुनाव में भाजपा और झामुमो की नज़र माधव सिंह कुंकल पर है

माधव सिंह कुकल ने झामुमो के वोट बैंक पर सेंधमारी कर भाजपा को टक्कर में ला खड़ा कर दिया है, सुत्र

सुनील सिरका की खामोशी को राजनीतिज्ञ लोग कई मायने से देख रहे हैं

झामुमो में भीतरघात से इनकार नहीं किया जा सकता है, निरल से नाराज़ लोगों को माधव सिंह कुकल अपने पक्छ में करने में सफल होने की चर्चा

निरल पूर्ति की हैट्रिक करने यानी तीसरी बार लगातार विधायक बनने की कोशिश को माधव सिंह कुकल रोक पाएंगें, यह सवाल जिला भर में चर्चा का विषय बना हुआ है


चाईबासा/संतोष वर्मा: सिंहभूम लोकसभा क्षेत्र के 53 एसटी विधानसभा क्षेत्र के मझगांव विधानसभा चुनाव में आदिवासी किसान मजदूर पार्टी के प्रत्याशी माधव सिंह कंकल ने त्रिकोणीय मुकाबला होने और जीतने की बात कह कर झामुमो के खेमे में खलबली मचा दी है, वहीं भाजपा ने मतदान के पांच दिन गुजरने के बाद माधव सिंह कंकल के वोट प्राप्त किए जाने का आकलन करने में व्यस्त नजर आ रही है।

झामुमो सुत्र से ज्ञात हुआ है कि झामुमो में भीतर घात से इनकार नहीं किया जा सकता है। सुनील सिरका की खामोशी से किसी अप्रिय स्थिति को ला खड़ा कर सकती है। सुनील सिरका ने नामांकन पर्चा खरीदने के बाद नामांकन दाखिल नहीं करने के भी कई मायने निकाल रहे हैं। झामुमो के प्रत्याशी निरल पूर्ति से नाराज़ और विक्षुब्ध लोगों ने माधव सिंह कुकल को स्पोर्ट करते नज़र आए हैं, जिससे भाजपा के प्रत्याशी बड़कुंवर गगराई को सीधे तौर पर लाभ मिलने की संभावना वयक्त की जा रही है।

सूत्रों के अनुसार झामुमो की स्थिती मजबूत मानी जा रही है, लेकिन झामुमो के वोट बैंक में माधव सिंह कुकल की सेंधमारी को भी हल्के में नहीं लिया जा सकता है। राजनितिक जानकारों के अनुसार माधव सिंह कुकल बीस हजार से अधिक वोट लाने में सफल होते हैं तो झामुमो की जीत पर प्रश्न चिन्ह लग सकता है और भाजपा का रास्ता आसानी में बदल सकता है। झामुमो इस चुनाव में अपने ही लोगों से जूझते नजर आ रही थी वहीं निर्दलीय उम्मीदवार माधव सिंह कुकल का ज़ोरदार तरीके से चुनाव लड़ने के कारण भारी नुकसान भी उठा रहे हैं। अब देखना है कि माधव सिंह कुकल झामुमो के प्रत्याशी निरल पूर्ति को हैट्रिक करने से रोक पाने में सफल हो पाते हैं कि नहीं, यह दृश्य 23 को सामने दिख जाएगा। माधव सिंह कुकल के रेस में आना भाजपा को संजीवनी मिलने जैसा माना जा रहा है।

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